अपडेटेड 14 January 2025 at 19:54 IST
पूजा खेडकर ने अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी और गलत तरीके से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दिव्यांग कोटे का लाभ उठाने की आरोपी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की पूर्व प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर ने अग्रिम जमानत के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।
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सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी और गलत तरीके से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दिव्यांग कोटे का लाभ उठाने की आरोपी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की पूर्व प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर ने अग्रिम जमानत के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।
न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ 15 जनवरी को याचिका पर सुनवाई करेगी। खेडकर ने 23 दिसंबर 2024 के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि खेडकर के खिलाफ प्रथम दृष्टया मजबूत मामला बनता है और व्यवस्था में हेरफेर करने की ‘‘बड़ी साजिश’’ का पता लगाने के लिए जांच की आवश्यकता है तथा गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है। गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण रद्द किया जाता है।’’
पिछले साल 12 अगस्त को जब उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया था, तब खेडकर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया गया था और इसे समय-समय पर बढ़ाया गया। उच्च न्यायालय ने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा है और यह मामला संवैधानिक निकाय के साथ-साथ समाज के साथ धोखाधड़ी का एक बड़ा उदाहरण है।
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खेडकर पर आरक्षण लाभ पाने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी देने का आरोप है। उन्होंने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों का खंडन किया। यूपीएससी ने फर्जी पहचान के आधार पर सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में खेडकर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराने समेत कई कार्रवाई शुरू की। दिल्ली पुलिस ने विभिन्न अपराधों के लिए खेडकर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
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Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 14 January 2025 at 19:54 IST