अपडेटेड 3 April 2025 at 23:45 IST
Waqf Bill: 'आपके पिताजी बहुत नफीस थे, उन्होंने कभी सभापति के बाद जी लगाना...', जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस नेता को ऐसा क्यों कहा
सिंघवी ने कहा, 'हमारी खुद की छत भी छीनी जाती है हमसे और कहते हैं कि वक्त का तकाजा यही है, जिस जगह सजदों के निशां थे आज वहां दस्तावेज मांगे जा रहे हैं।'
- भारत
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Jagdeep Dhankhar Praises Abhishek Manu Singhvi Father: गुरुवार (3 अप्रैल) को राज्यसभा में वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के तेलंगाना से राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी अपनी बात रख रहे थे इसी दौरान अचानक से राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने उन्हें रोका और कहा, कि अभिषेक मनु सिंघवी जी आपके पिता बहुत नफीस थे। बस इतना कहकर वो रुक गए और मुस्कुराने लगे। इस दौरान सदन में मौजूद अन्य नेता भी मुस्कुराने लगे और सिंघवी चुपचाप सभापति का मुंह देखते रह गए कि अचानक से सभापति जी ने मेरे पिता का नाम क्यों ले लिया? अभी सिंघवी कुछ समझ भी पाते कि धनखड़ ने बताया कि उन्होंने आखिरकार बीच स्पीच में सिंघवी के पिता को क्यों याद किया।
दरअसल अभिषेक मनुसिंघवी वक्फ बिल को लेकर अपना विरोध दर्ज करवा रहे थे और वक्फ बिल में एक के बाद एक करके कमियां निकाल रहे थे। इस दौरान सिंघवी ने केंद्र सरकार पर शायराना अंदाज में हमला बोलते हुए कहा, 'हमारी खुद की छत भी छीनी जाती है हमसे और कहते हैं कि वक्त का तकाजा यही है, जिस जगह सजदों के निशां थे आज वहां दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। माननीय सभापति अंत में यही कहूंगा इसमें कई और बिंदु है जिनके लिए मेरे पास समय नहीं है बात करने का लेकिन अगर इस पर पुनर्विचार नहीं किया जाएगा अगर इसे इगो के आधार पर पारित किया जाएगा तो मुझे कोई संदेह नहीं है कि अगले कुछ वर्षों में इसे असंवैधानिक करार दिया जाएगा।'
आपके पिता बहुत नफीस व्यक्ति थेः जगदीप धनखड़
वहीं इस बीच अभिषेक मनु सिंघवी की स्पीच को लेकर सभापति जगदीप धनखड़ ने नाराजगी जताई और उन्हें याद दिलाते हुए कहा, 'सिंघवी जी आपके पिता जी बहुत नफीस (सज्जन) थे। उन्होंने इस सदन में संबोधन के दौरान कभी भी सभापति के बाद जी लगाना नहीं भूला। आपको ये बात याद ही नहीं रही।' इसके जवाब में अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'मैंने तो आपको ऑनरेबल चेयरमैन कहा आपको अभी दो मिनट पहले...' तो इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने जवाब देते हुए कहा, 'ना... ना... आप एक बार फिर से देखिए... कोई भी इस कुर्सी पर बैठे सभापति कहना और सभापति जी कहना बड़ा फर्क पड़ता है।' इसके जवाब में सिंघवी ने कहा, 'मैं माफी चाहूंगा आपसे कि मैंने आपको माननीय सभापति महोदय कहा... ' इसके बाद सभापति महोदय ने अभिषेक मनु सिंघवी को बोलने का मौका नहीं दिया और चर्चा के लिए सपा नेता प्रोफेसर राम गोपाल यादव का नाम लिया।
कौन थे अभिषेक मनु सिंघवी के पिता?
अभिषेक मनु सिंघवी के पिता और भारतीय जनता पार्टी के नेता लक्ष्मीमल्ल सिंघवी का जन्म 9 नवंबर 1931 को राजस्थान के जोधपुर में हुआ था। वो एक बहुत बड़े और प्रसिद्ध वकील थे। इसके अलावा वो संविधान विशेषज्ञ, भाषा विशेषज्ञ, कवि और लेखक थे। 1962 से 1967 तक वो तीसरी लोकसभा के सदस्य रहे। लक्ष्मीमल सिंघवी ने 1972 से 1977 तक राजस्थान के एडवोकेट जनरल रहे और कई वर्षों तक यूके में भारत के राजदूत पद पर कार्य किया। साल 1998 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसके बाद 1999 में राज्यसभा के सदस्य चुने गए। डॉ॰ लक्ष्मीमल सिंघवी ने नेपाल, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका के संविधानों की रचना की। उन्हें भारत में अनेक लोकपाल, लोकायुक्त संस्थाओं का जनक माना जाता है। वे ब्रिटेन के सफलतम उच्चायुक्त माने जाते हैं। वे सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के चार बार अध्यक्ष रहे। उन्होंने विधि दिवस का शुभारंभ किया।
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 3 April 2025 at 23:45 IST