अपडेटेड 4 April 2025 at 11:56 IST

सियासत के लिए कोर्ट में घसीटा जाएगा वक्फ बिल, क्या विपक्ष का पैंतरा काम आएगा? आर्टिकल 370 समेत इन मुद्दों पर मिल चुकी है मात

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को घोषणा की कि पार्टी जल्द ही वक्फ संशोधन विधेयक की संवैधानिकता को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी।

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वक्फ बिल को विपक्ष कोर्ट में चुनौती देगा. | Image: PTI

Waqf Bill: सियासत के लिए संसद से पारित वक्फ संशोधन विधेयक को अब कोर्ट में घसीटे जाने की तैयारी है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के फैसलों के खिलाफ हर बार की तरह विपक्ष ये पैंतरा चलने वाला है। 2 अप्रैल को वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में आया, जिसे रात के करीब 2 बजे मंजूरी मिली। अगले दिन 3 अप्रैल को राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बिल को पेश किया, जो आधी रात को सदन से पास हुआ। इधर, कांग्रेस ने कह दिया है कि वो सुप्रीम कोर्ट में इस बिल को चुनौती देती।

संसद से पारित वक्फ संशोधन विधेयक के लिए दो काम अभी बाकी हैं। बिल को कानूनन लागू करने के लिए पहले राष्ट्रपति की मंजूरी चाहिए होगी और उसके बाद इसकी अधिसूचना जारी की जानी है। कुल मिलाकर वक्फ विधेयक पर आधा काम अभी हुआ है, लेकिन यहां संसद में लाख कोशिशों के बाद जब विधेयक पारित होने से नहीं रुका है तो विपक्ष दूसरा रास्ता अपनाने वाला है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को घोषणा की कि पार्टी जल्द ही वक्फ संशोधन विधेयक की संवैधानिकता को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी।

कांग्रेस वक्फ बिल को सुप्रीम कोर्ट में देती चुनौती

जयराम रमेश ने X पर लिखा, ‘कांग्रेस बहुत जल्द वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। हमें पूरा भरोसा है और हम भारत के संविधान में निहित सिद्धांतों, प्रावधानों और प्रथाओं पर मोदी सरकार के सभी हमलों का विरोध करना जारी रखेंगे।’

वो फैसले, जिन पर विपक्ष को कोर्ट से मुंह की खानी पड़ी

आर्टिकल 370 कानून: मोदी सरकार ने 2019 में संसद में प्रस्ताव लाकर जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया था। साथ में जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों (जम्मू कश्मीर और लद्दाख) में बांटकर इन्हें केंद्र शासित राज्य का दर्जा दिया गया। हालांकि विपक्ष ने जमकर हल्ला किया था और कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था। 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 हटाने के फैसले को बरकरार रखा।

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आरटीआई अधिनियम: मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में सूचना का अधिकार कानून में संशोधन किया। कांग्रेस ने इस विषय को भी कोर्ट में घसीटा, हालांकि अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ।

नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA: कांग्रेस पार्टी सीएए को भी कोर्ट में ले जा चुकी है। मामला वहां भी अभी तक अटका है।

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आरक्षण की व्यवस्था का मुद्दा: बीजेपी सरकार ने अपने एक अहम फैसले के तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था शुरू की थी। इसको अदालत में चुनौती दी गई और वहां से 5 जजों की पीठ ने 3:2 के बहुमत से इसे बरकरार रखा था।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 4 April 2025 at 11:56 IST