अपडेटेड 8 August 2024 at 16:26 IST

सच्चर कमेटी पर आधारित है वक्फ संशोधन बिल, किरेन रिजिजू ने 10 प्वाइंट्स में बताया क्यों पड़ी जरूरत

लोकसभा में विपक्षी पार्टियों के हंगामे के बीच किरेन रीजिजू ने विपक्ष से समर्थन की अपील करते हुए कहा, आप लोग इस बिल का समर्थन कीजिए।

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Kiren Rijiju
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू | Image: PTI

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री किरेन रीजिजू ने लोकसभा में वक्फ संसोधन बिल विधेयक पेश किया। बिल पेश करते ही विपक्षी पार्टियों ने संसद में हंगामा शुरू कर दिया। इस बिल के विरोध में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार), तृणमूल कांग्रेस सीपीआई (एम), डीएमके आरएसपी और आयूएमएल पार्टियों ने इस बिल के संशोधन का विरोध किया। विपक्षी पार्टियों के विरोध के बावजूद किरण रिजिजू ने कहा कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब वक्फ एक्ट में संशोधन किया जा रहा हो, इसके पहले भी इसमें कई बार संशोधन किए गए हैं। हम सच्चर कमेटी के आधार पर रिपोर्ट में परिवर्तन कर रहे हैं जिसे आप (कांग्रेस) ने ही बनाया था।


लोकसभा में विपक्षी पार्टियों के हंगामे के बीच किरेन रीजिजू ने विपक्ष से समर्थन की अपील करते हुए कहा, आप लोग इस बिल का समर्थन कीजिए। इसके लागू होने से आपको देश के करोड़ों लोगों की दुआ मिलेगी। कुछ लोगों ने पूरे वक्फ बोर्ड पर जबरन कब्जा कर रखा है, जिसकी वजह से आम मुस्लिम भाइयों को न्याय नहीं मिल रहा है। आने वाले समय में जब इस बिल की चर्चा होगी तो इतिहास में ये दर्ज होगा कि किसने इस बिल का समर्थन किया था और किसने इस बिल का विरोध किया था। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री ने लोकसभा में बिल पेश करते हुए संक्षेप में बताया कि आखिर इस बिल में परिवर्तन की जरूरत क्यों पड़ी। इसके लिए मैं एक-एक संसद सदस्य को इसका जवाब भी देता हूं। उन्होंने कुछ प्वाइंटर्स में बताया कि इस बिल को संशोधित करने की जरूरत क्यों पड़ी?


  • किरेन रीजिजू ने बताया कि मौजूदा वक्फ बोर्ड बिल में जो भी प्रावधान किए गए हैं उनमें सबसे पहले इस बिल में संविधान के किसी भी अनुच्छेद का इसमें उल्लंघन नहीं किया गया है। इस बिल में आर्टिकल 25 से लेकर 30 तक किसी में भी धार्मिक बॉडी में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है।
  • रीजिजू ने आगे कहा कि मैं बारी-बारी से सबसे ये बात कहना चाहता हूं कि कि वक्फ अमेंडमेंट बिल को पहली बार सदन में संशोधन के लिए नहीं लाया गया है। अंग्रेजों के जमाने से लेकर, आजादी के बाद सबसे पहले ये एक्ट लाया गया है 1954 में, उसके बाद भी इस बिल में एक के बाद एक करके कई अमेंडमेंट हुए हैं।
  • केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि इस बिल में हम जो अमेंडमेंट लाने जा रहे हैं वो सदन में वक्फ एक्ट 1995 जिसको 2013 में अमेंडमेंट लाकर करके, इस पूरे वक्फ के परपज और इंटेशन और जिसमें लोगों को उम्मीद थी कि कुछ बेहतर होगा उसे उलटा करके 2013 में ऐसा प्रावधान डाला गया जिसकी वजह से आज हम उसके सुधार के लिए अमेंडमेंट लाए हैं।

  • रीजिजू ने आगे बताया कि इस बिल में हमने जो बदलाव किए हैं उसमें किसी का हक छीनना तो छोड़ दीजिए, जिनको हक नहीं मिला है उनको उनका हक देने के लिए यह बिल लाया गया है। इस बिल में मुस्लिम समुदाए में पिछड़े लोगों, महिलाओं और बच्चों के लिए और ऐसे लोगों के लिए जिन्हें कभी इस बिल का लाभ नहीं मिला ऐसे लोगों को जगह देने के लिए इसमें अमेंडमेंट किया जा रहा है।
  • किरेन रीजिजू ने इस बिल में सुधार के लिए बताया कि साल 1995 में इस बिल में जो भी प्रावधान लाए गए थे, उसका कई लोगों ने अलग-अलग अससमेंट किया है। कई कमेटियों और लोगों ने उसका अध्ययन किया है। इसके बाद पता चला कि जिस उद्देश्य के लिए ये बिल लाया गया था वो सफल नहीं हुए जबकि अभी भी इसमें कई गलतियां हैं। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो कदम उठाए थे उसे वो पूरा नहीं कर पाए और हम उसी काम को पूरा करने के लिए ये संशोधन कर रहे हैं।
  • केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को लेकर एक निजी केस बताया और कहा तमिलनाडु में तिरुचिरापल्ली जिले में 1500 साल पुराना सुंदरेश्वर मंदिर था। उस गांव का एक शख्स जब 1.2 एकड़ प्रॉपर्टी बेचने गया तो उसे बताया गया कि ये वक्फ की जमीन है। पूरे गांव को वक्फ प्रॉपर्टी डिक्लेयर कर दिया गया है। म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन की जमीन को वक्फ प्रॉपर्टी डिक्लेयर कर दिया था।
  • केंद्रीय मंत्री ने कर्नाटक का एक मामला बताते हुए कहा कि कर्नाटक माइनॉरिटी कमीशन की रिपोर्ट में 2012 में कहा गया कि वक्फ बोर्ड ने 29 हजार एकड़ जमीन को कमर्शियल प्रॉपर्टी में कन्वर्ट कर दिया गया। वक्फ बोर्ड के माध्यम से इतनी मनमानी हो रही थी और लोगों की आंखों के सामने इतना बड़ा घपला हो रहा है।
  • लखनऊ का उदहारण देते हुए रीजिजू ने डॉक्टर बारिया बुशरा फातिमा का केस बताया जिसमें वक्फ बोर्ड की वजह से वो महिला बच्चे के साथ किस मुश्किल हालात में जी रही हैं। इनकी प्रॉपर्टी इनके पिताजी गुजर जाएंगे तो उनको और उनके बच्चे को नहीं मिलेगी। उस समय अखिलेश जी आप मुख्यमंत्री थे, किसी ने आपको नहीं बताया था इसके बारे में? धर्म की नजर से नहीं, इंसाफ के नजरिये से देखिए। आप इल्जाम लगाकर के भागने की कोशिश न करें।
  • रीजिजू ने साल 1976 में पेश की गई वक्फ इन्क्वायरी रिपोर्ट का उदाहरण देते हुए बताया कि इस रिपोर्ट में जो बड़ी रिकमडेशन आई है , वो ये कि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सारा वक्फ बोर्ड मुतावलिस के कब्जे में चले गए हैं। उसको डिसिप्लेन करने के लिए प्रॉपर कदम उठाए जाने चाहिए। आपस में  जो मतभेद हैं उनको सॉल्व करने के लिए ट्राइब्यूनल होना चाहिए। इसके अलावा उसमें ये भी कहा गया है कि वक्फ बोर्ड में ऑडिट और अकाउंट्स का सिस्टम प्रॉपर नहीं है, उसका पूरा प्रबंधन होना चाहिए इसके अलावा भी उसमें कई सुधारों की वकालत की गई है।
  • कांग्रेस के सत्ता के समय दो कमेटी बनाई गई थी जिसमें से एक कमेटी जस्टिस राजेंद्र सच्चर के नेतृत्व में साल 2005 में गठित की गई थी। ये विशेष रूप से  मुस्लिमों के लिए, उनके वेलफेयर के लिए गठित की गई है। इस रिपोर्ट के बारे में यहां मौजूद सभी सदस्यों को जानकारी है।  
  • सच्चर कमेटी की जो पहली सिफारिश थी, इसमें पहला वार्षिक आय से जितना वक्फ की प्रॉपर्टी से है,  4.9 लाख रजिस्टर्ड वक्फ प्रॉपर्टीज से सिर्फ 100.63 करोड़ ही आमदनी जनरेट होती है। इसे किसी भी रूप से जस्टिफाई नहीं किया जाता है। जिस समय उन्होंने सिफारिश की थी उस समय 12000 करोड़ रुपये साल के मिलते थे। यानि इसकी मार्केट वैल्यू कहीं अधिक होने की संभावना है।
  • वहीं सच्चर कमेटी की दूसरी सिफारिश थी कि जो वक्फ बोर्ड में सदस्य हैं वो काफी नहीं हैं उसमें ज्यादा सदस्य होने चाहिए। इसमें दो महिला होनी चाहिए। इसमें संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी भी होना चाहिए। हम जो बिल पेश कर रहे हैं वो उसी सच्चर कमेटी के हिसाब का बिल है।
  • आज आपको (विपक्षी दलों) हमें शाबाशी देनी चाहिए। आज आप राजनीतिक दबाव में हमारा विरोध कर रहे हैं लेकिन अंदर ही अंदर सभी लोग सजेशन भी दे रहे हैं। इस बिल पर इस सरकार ने जितना बीते 10 सालों में किया गया है उतना किसी सरकार ने कभी नहीं किया था। कुछ लोग इस बिल के उद्देश्य को संविधान का हवाला देकर मिसलीड करना चाहते हैं। कल रात को कई मुस्लिम प्रतिनिधि मंडल मेरे पास आए थे, कई सांसदों ने मुझे बताया कि वक्फ बोर्डों पर माफियाओं का कब्जा है। कुछ सांसदों ने व्यक्तिगत रूप से इस बिल का समर्थन किया लेकिन सियासी वजहों से वो सामने नहीं आ रहे हैं।  

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 8 August 2024 at 16:26 IST