अपडेटेड 17 May 2024 at 14:26 IST

कौन हैं केजरीवाल के करीबी विभव कुमार? जिनपर लगा स्वाति मालीवाल को पीटने का आरोप,विवादों से रहा नाता

विभव कुमार और अरविंद केजरीवाल काफी पुराने दोस्त हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विभव कुमार अरविंद केजरीवाल के साथ कई सालों से काम कर रहे थे।

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Bibhav Kumar
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार | Image: PTI

सोमवार (13 मई) को दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास से दिल्ली पीसीआर को एक कॉल जाती है जिसमें आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने इस बात की मौखिक शिकायत की कि मुझे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इशारे पर उनके निजी सहायक विभव कुमार ने पीटा। इस शिकायत के बाद मीडिया में अचानक से विभव कुमार का नाम उछल गया। हर कोई ये जानने को बेताब हो गया कि आखिर विभव कुमार ने इतनी बड़ी हिमाकत कैसे की। देश की राजधानी दिल्ली में एक महिला सांसद पर हमला आइए बताते हैं कौन है ये विभव कुमार।

विभव कुमार और अरविंद केजरीवाल काफी पुराने दोस्त हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विभव कुमार अरविंद केजरीवाल के साथ कई सालों से काम कर रहे थे। विभव कुमार 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' मैगजीन में वीडियो एडिटर थे। आपको बता दें कि 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' वही संस्था है जिसने साल 2011 में अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन किया था। मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का भी दावा किया जाता रहा है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की दैनिक दिनचर्या का निर्णय भी विभव कुमार किया करते थे।

यहां जानिए कौन हैं विभव कुमार

विभव कुमार बिहार के सासाराम जिले के रहने वाले हैं। वाराणसी के बीएचयू से पढ़े विभव कुमार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव के तौर पर साल 2015 में नियुक्त किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो विभव कुमार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बहुत ही करीबी हैं। इस बात का अंदाजा हम इस बात से लगा सकते हैं कि जब ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल भेज दिया था तब केजरीवाल से उनके परिजनों सहित महज 6 लोगों को ही उनसे मुलाकात करने की इजाजत थी। विभव कुमार उन 6 लोगों में से एक थे।

विभव कुमार का विवादों से पुराना नाता

साल 2007 में केजरीवाल के करीबी विभव कुमार पर नोएडा में अपने साथियों के साथ मिलकर कथित रूप से मारपीट का आरोप लगा था। नोएडा विकास प्राधिकरण के महेश पाल नामक शख्स ने विभव पर आरोप लगाए थे कि उसने 3 और लोगों के साथ मिलकर उसके काम में बाधा डाली थी और उसे गालियां देते हुए धमकी भी दी थी। इस मामले में दिल्ली के तत्कालीन उपराज्यपाल ने एक्शन लेते हुए उस पर कार्रवाई भी की थी। मार्च में विभव कुमार को मुख्यमंत्री के निजी सचिव के पद से बर्खास्त कर दिया गया था।

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शराब घोटाले से जल बोर्ड घोटाले में तक नाता

दिल्ली के शराब घोटाले से लेकर जलबोर्ड घोटाले तक विभव कुमार का नाम चर्चा में आया था। दिल्ली के कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने भी आप के बड़े नेताओं के साथ-साथ विभव कुमार से भी पूछताछ की थी। इतना ही नहीं ED ने  जल बोर्ड घोटाले में विभव कुमार के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। फिलहाल स्वाति मालीवाल  की तरफ से विभव कुमार पर नए आरोप लगे हैं, जिससे राजधानी दिल्ली में सियासी पारा चढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 17 May 2024 at 14:03 IST