अपडेटेड 6 February 2025 at 18:58 IST
'... तो स्टेट वक्फ बोर्ड में हिन्दू क्यों?', TTD से 18 गैर हिन्दू कर्मचारियों को हटाये जाने पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी
अब इन कर्मचारियों के हटाए जाने को लेकर हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंदिर प्रशासन के इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं।
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आंध्र प्रदेश का तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम मंदिर बीते साल से ही विवादों में रहा है। इस मंदिर के चढ़ने वाले प्रसाद के लड्डुओं में चर्बी मिलाए जाने का मुद्दा पूरे साल छाया रहा। अब एक बार फिर 18 गैर हिन्दू कर्मचारियों को हटाए जाने के बाद से अचानक ही ये मंदिर फिर से मीडिया की सुर्खियों में छा गया है। अब इन कर्मचारियों के हटाए जाने को लेकर हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंदिर प्रशासन के इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि मंदिर प्रशासन ने टीटीडी ने गैर हिंदू कर्मचारियों को ट्रांसफर या फिर वीआरएस लेने का विकल्प भी दिया है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तेलगू देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू को इस मुद्दे पर सोचने की जरूरत है। ओवैसी ने सीएम नायडू को घेरते हुए पूछा कि अगर उनकी पार्टी ज्वाइंट वर्किंग कमेटी में बीजेपी के लाए गए बिल का समर्थन करती है, जिसमें राज्य वक्फ बोर्ड में दो गैर मुस्लिम सदस्यों और केंद्रीय वक्फ बोर्ड में नॉन मुस्लिम को रखना अनिवार्य है। जब आप आंध्र प्रदेश बोर्ड में और टीटीडी में नॉन हिंदू कोई सदस्य नहीं बन सकता है और ना ही ट्रस्टी बन सकता है। कर्मचारियों को भी नहीं रख रहे हैं तो यही बात वक्फ बोर्ड में भी लागू कीजिए उसका वहां भी समर्थन कीजिए। ये तो दो आपकी दोहरी पॉलिसी है।
गैर हिन्दू कर्मचारियों पर क्यों हुई कार्रवाई?
टीटीडी मंदिर प्रशासन ने मीडिया से बातचीत में बताया था कि गैर हिन्दू धार्मिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए निकाले गए 18 गैर हिन्दू कर्मचारियों के खिलाफ मंदिर प्रशासन ने ये अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है। मंदिर प्रशासन के मुताबिक गैर हिन्दू समुदाय से जुड़े लोगों के हिन्दू धार्मिक गतिविधियों में हिस्सा लेने की वजह से टीटीडी की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। वहीं मंदिर प्रशासन के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने बताया था कि बीते दिनों ये बात साबित हो गई है कि ये ही वो 18 कर्मचारी थे जो गैर हिन्दू धार्मिक गतिविधियों में शामिल थे। इन लोगों ने यहां काम शुरु करने से पहले भगवान श्री वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति के सामने इस बात की शपथ ली थी कि वो पूर्ण रूप से केवल हिंदू धर्म और हिंदू परंपराओं का पालन करेंगे।
मंदिर में काम करने वालों के लिए क्या हैं नियम?
- सरकार ने साल 1989 में आदेश जारी कर कहा था कि टीटीडी के प्रशासनिक पदों पर केवल हिंदुओं को ही रखा जाएगा।
- मंदिर प्रशासन ने यहां नियुक्ति के लिए संविधान के अनुच्छेद 16(5) में भी धार्मिक या सांप्रदायिक प्रकृति के संस्थानों को अपने धर्म के सदस्यों को नियुक्त करने की इजाजत दी गई है।
- आंध्र प्रदेश चैरिटेबल और हिंदू धार्मिक संस्थान और रख-रखाव अधीनस्थ सेवा नियम 3 के मुताबिक हिंदू धार्मिक संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों को हिंदू धर्म का ही पालन करना चाहिए।
- नवंबर 2023 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने मंदिर से जुड़े फैसले में नियम तीन को बरकरार रखा था। इस नियम के मुताबिक ट्रस्ट बोर्ड को सेवा की शर्तों को अनिवार्य करने का अधिकार है और मंदिर में सेवा शर्तों में टीटीडी कर्मचारियों के लिए हिंदू धर्म का पालन करना जरूरी है।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 6 February 2025 at 18:58 IST