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Published 15:09 IST, September 6th 2024

BJD से निष्कासन और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा, अब BJP में शामिल हुए सुजीत कुमार

सुजीत कुमार और मोहंता के इस्तीफे के बाद राज्यसभा में बीजद के सदस्यों की संख्या नौ से घटकर सात रह गई है। लोकसभा में पार्टी का कोई सदस्य नहीं है।

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Sujeet Kumar Joins BJP
BJD से निष्कासन और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा, अब BJP में शामिल हुए सुजीत कुमार | Image: PTI

'पार्टी विरोधी गतिविधियों' के कारण बीजू जनता दल (बीजद) से निष्कासित किए जाने और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के कुछ ही देर बाद सुजीत कुमार ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। ओडिशा की सत्ता गंवाने के बाद कुमार, बीजद के दूसरे ऐसे राज्यसभा सदस्य हैं जिन्होंने राज्य व केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। कुछ दिन पूर्व ही ओडिशा की कुडुमी समुदाय की नेता ममता मोहंता ने राज्यसभा और बीजद से इस्तीफा दे दिया था। वह हाल ही में भाजपा के सदस्य के रूप में संसद के ऊपरी सदन के लिए निर्विरोध चुनी गईं।

कुमार और मोहंता के इस्तीफे के बाद राज्यसभा में बीजद के सदस्यों की संख्या नौ से घटकर सात रह गई है। लोकसभा में पार्टी का कोई सदस्य नहीं है। पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कुमार को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण तत्काल प्रभाव से बीजद से निष्कासित किया गया है। बयान में कहा गया है, 'जिस पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजा, उसी पार्टी को उन्होंने निराश किया है। उन्होंने कालाहांडी जिले के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं पर भी कुठाराघात किया है।'

हालांकि, कुमार ने दावा किया कि बीजद से निष्कासित किए जाने के पहले ही उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इस बीच, कुमार ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया। सुजीत कुमार साल 2020 से राज्यसभा के सदस्य थे तथा वर्तमान में राज्यसभा की याचिका समिति के अध्यक्ष भी थे। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को भेजे गए अपने इस्तीफे में कुमार ने कहा कि उन्होंने यह फैसला ‘सोच-समझकर’ लिया है।

कुमार ने राजधानी दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सांसद भर्तृहरि महताब, पार्टी के ओडिशा प्रभारी विजय पाल सिंह तोमर, राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा। भाजपा में शामिल होने के बाद कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य नेताओं के प्रति आभार जताया और कहा कि वह प्रधानमंत्री के‘विकसित भारत, विकसित ओडिशा’ के दृष्टिकोण से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, 'राज्यसभा से इस्तीफा देना मेरे लिए बड़ा फैसला है। कालाहांडी, मेरा पैतृक स्थान है और बीजद शासन के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण इस क्षेत्र का विकास नहीं हुआ।'

कुमार ने आरोप लगाया, 'कालाहांडी में करोड़ों रुपये लूटे गए। कुछ बीजद नेता, सरकारी अधिकारी और अन्य लोग वित्तीय अनियमितताओं में शामिल थे। मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई। मैंने कालाहांडी के हितों की रक्षा के लिए राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया।' उन्होंने उन्हें राज्यसभा में भेजने के लिए पटनायक को भी धन्यवाद दिया। कभी बीजद नेता वी के पांडियन के करीबी रहे कुमार अप्रैल 2020 में संसद के उच्च सदन के लिए चुने गए थे। उन्होंने यह भी दावा किया, 'बीजद में मेरी अनदेखी की गई और दरकिनार किया गया। मुझे अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी से निकालने की धमकी दी गई। यह हास्यास्पद है कि मुझे निष्कासित कर दिया गया क्योंकि बीजद के निष्कासन आदेश जारी करने से पहले मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।'

कुमार ने अपने त्यागपत्र में लिखा, 'मैं इस अवसर पर सदन में सार्वजनिक महत्व के मुद्दों और अपने राज्य ओडिशा के मुद्दों को उठाने की खातिर मुझे प्रदान किए गए अवसरों के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं।' उपराष्ट्रपति कार्यालय ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने तत्काल प्रभाव से सुजीत कुमार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उपराष्ट्रपति, राज्यसभा का पदेन सभापति होता है। सुजीत कुमार ने ओडिशा सरकार की विशेष विकास परिषद (एसडीसी) के मुख्य सचिव के सलाहकार के रूप में और ओडिशा राज्य योजना बोर्ड के विशेष सचिव के रूप में भी कार्य किया।

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Updated 15:09 IST, September 6th 2024