अपडेटेड 3 April 2022 at 19:04 IST

तमिलनाडु में स्टालिन का भाजपा पर तंज, 10 फीसदी अंक पाकर तीसरी ताकत होने का दावा कर रहे

स्टालिन ने कहा कि यह मानना गलत है कि भाजपा ने हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भारी जीत हासिल की।

Follow : Google News Icon  
| Image: self

तमिलनाडु में तीसरी राजनीतिक ताकत बनने के भाजपा के दावों की खिल्ली उड़ाते हुए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने तीखा कटाक्ष किया है। डीमके (द्रमुक) प्रमुख स्टालिन ने कहा कि यह कुछ इस तरह है, जैसे कि एक छात्र परीक्षा में 90 फीसदी अंक पाए, दूसरा 50 फीसदी और तीसरा छात्र किसी तरह 10 फीसदी अंक ही ला पाए और कहे कि वह तीसरे नंबर पर आया है। फिर उन्होंने पूछा कि क्या 10 फीसदी अंक पाने वाले छात्र को तीसरे स्थान पर रखा जा सकता है?

स्टालिन ने कहा कि यह मानना गलत है कि भाजपा ने हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भारी जीत हासिल की। स्टालिन ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को दिये साक्षात्कार में कहा कि पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम भाजपा के लिए नकारात्मक रहे।

स्टालिन ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की सीट घटी हैं और इसके उपमुख्यमंत्री समेत 10 मंत्रियों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह गोवा में कई दिग्गज भाजपा नेता हार गये, जबकि उत्तराखंड में भाजपा के मुख्यमंत्री तक अपनी सीट नहीं बचा पाये।

तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर आए स्टालिन ने कहा कि पंजाब विधानसभा चुनाव में भाजपा को केवल दो सीट मिली। तमिलनाडु में तीसरी ताकत बनकर उभरने के भाजपा के दावे पर स्टालिन ने कहा, ‘‘परीक्षा में एक छात्र 90 फीसदी अंक पाता है, दूसरा छात्र 50 फीसदी और तीसरा 10 फीसदी अंक पाता है। क्या आप यह समझते हैं कि 10 फीसदी अंक पाने वाला तीसरे स्थान पर है?’’

Advertisement

फरवरी में शहरी निकाय चुनाव के बाद से भाजपा दावा कर रही है कि यह राज्य में डीएमके और एआईएडीएमके (अन्नाद्रमुक)के बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव और फिर वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद स्थानीय चुनावों में भी सत्तारूढ़ डीएमके ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी अन्नाद्रमुक (एआईडीएमके) को पीछे छोड़ते हुए भारी अंतर से दूसरे स्थान पर पहुंचा दिया।

Advertisement

डीएमके ने लगभग दो-तिहाई सीटें जीतीं, तो भाजपा ने 300 से अधिक सीट जीतकर अपनी पैठ बनाने में कामयाबी हासिल की। हालांकि उसने कुल 12,800 से अधिक सीट में से लगभग 5,600 सीट के लिए उम्मीदवार खड़े किए थे।

इस परिणाम ने भगवा पार्टी के कार्यकर्ताओं को यह कहने के लिए प्रेरित किया कि द्रविड़ गढ़ में ‘कमल खिल रहा है’। तमिलनाडु भाजपा के राज्य प्रमुख के अन्नामलाई ने कहा कि भाजपा अब आधिकारिक तौर पर तमिलनाडु में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। उन्होंने कहा कि भाजपा कई वार्डों में सत्तारूढ़ डीएमके के बाद दूसरे स्थान पर रही, जबकि अन्य जगह पर तीसरे स्थान पर रही।

अन्नामलाई के मुताबिक राज्यभर में भाजपा का मत आठ प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया और चेन्नई में यह पहले के तीन प्रतिशत से बढ़कर 8.04 प्रतिशत हो गया है।

तमिलनाडु विधानसभा में सालों तक गायब रहने के बाद भाजपा की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनाथी श्रीनिवासन समेत इसके चार जानेमाने नेता पिछले साल विधायक बनने में सफल रहे।

राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में हुए हालिया विधानसभा चुनाव के परिणाम से संकेत मिल रहे हैं कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को स्पष्ट जीत मिलेगी। लेकिन इस पर स्टालिन ने कहा कि विधानसभा चुनाव संसदीय चुनाव से अलग होते हैं।

स्टालिन ने कहा, ‘‘पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम को संसदीय चुनाव परिणाम को एक साथ रखकर नहीं देखना चाहिये। मैं ऐसा नहीं सोचता। विधानसभा चुनाव राज्य से संबंधित राजनीतिक मुद्दों पर केंद्रित होते हैं, लेकिन संसदीय चुनाव इस पर केंद्रित होते हैं कि अगला प्रधानमंत्री कौन बनेगा।’’ उन्होंने कहा कि दोनों को मिलाकर अनुमान लगाना गलत होगा।

स्टालिन ने आगे कहा कि भाजपा का विरोध करना उनके लिए किसी तरह की निजी नफरत का मामला नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हम भाजपा की नीतियों का विरोध करते हैं, किसी व्यक्ति विशेष की नहीं। इसलिए हमारी सभी आलोचनाएं सैद्धांतिक हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में डीएमके का महत्व हमेशा से रहा है।

स्टालिन ने कहा कि डीएमके की एक पार्टी के रूप में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के चुनाव में हमेशा से महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि डीएमके संसद में इस समय तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।

वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले के लिए वह सभी विपक्षी दलों को क्या संदेश देना चाहेंगे। इस सवाल के जवाब में स्टालिन ने कहा कि सभी दलों को यह समझना चाहिये कि ‘एकता में ताकत’ है, देश को बचाने के लिए सबको साथ आना होगा।

स्टालिन ने कहा कि देश की विविधता, संघात्मक ढांचे, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, समानता, भाईचारा, राज्यों के अधिकार, शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए हम सभी को अनिवार्य रूप से अपनी निजी राजनीतिक विचाराधारा को किनारे करके एक होना होगा।

कांग्रेस और डीएमके के बीच गठबंधन पर स्टालिन ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ किसी जरूरत के लिए नहीं हैं, बल्कि अवधारणात्मक समझौते के आधार पर दोनों दल साथ-साथ हैं। स्टालिन ने कहा, ‘‘मेरी कामना है कि कांग्रेस इस तरह की सैद्धांतिक दोस्ती देशभर में विकसित करे। भाई राहुल गांधी जब तमिलनाडु में प्रचार के लिए आये थे, तब उन्हें मंच पर ले जाकर मैंने यह बात कही थी।’’

Published By : Press Trust of India (भाषा)

पब्लिश्ड 3 April 2022 at 19:04 IST