Updated March 8th, 2019 at 12:29 IST
राम मंदिर पर 'अंतिम फैसला' कब? कोर्ट के सुप्रीम फैसले पर श्री श्री रविशंकर की पहली प्रतिक्रिया, यहां पढ़ें...
गौरतलब है कि मध्यस्थता के फैसले में अदालत ने अयोध्या मामले में मध्यस्थता की कार्यवाही की रिपोर्टिंग करने से मीडिया पर रोक लगाई है।
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सैकड़ों साल पुराना वो केस जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं। हर कोई टक-टकी लगाए बैठा है कि आखिर मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत का अंतिम फैसला कब आएगा। लेकिन राम के नाम पर छिड़ा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने विवाद के निपटारे के लिए मध्यस्थता के लिए सौंप दिया है।
मध्यस्थता के लिए तीन सदस्यीय पैनल में जस्टिस इब्राहिम कलीफुल्लाह, श्री श्री रविशंकर और श्रीराम पंचू शामिल किए गए हैं। जस्टिस कलीफुल्लाह इस पैनल की अध्यक्षता करेंगे। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद श्री श्री रविशंकर की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है।
श्री श्री रविशंकर ने ट्वीट करके अपनी बात कही है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है, 'सबका सम्मान करना, सपनों को साकार करना, सदियों के संघर्ष का सुखांत करना और समाज में समरसता बनाए रखना - इस लक्ष्य की ओर सबको चलना है।'
सैकड़ों साल पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर छिड़ा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। अयोध्या में राम जन्म भूमि पर राम मंदिर बनाने को लेकर देश के हर महकमे में हलचल बढ़ती जा रही है। हर किसी को इस फैसले का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार है क्योंकि हर कोई जानना चाहता है कि फाइनल फैसले का झुकाव आखिरकार किसकी ओर होगा?
गौरतलब है कि मध्यस्थता के फैसले में अदालत ने अयोध्या मामले में मध्यस्थता की कार्यवाही की रिपोर्टिंग करने से मीडिया पर रोक लगाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने अयोध्या मामले में मध्यस्थता की कार्यवाही बंद कमरे में करने का निर्देश दिया है।
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इसके अलावा राम मंदिर और बाबरी मस्जिद पर मध्यस्थता के लिए बनाए गए तीन सदस्यीय पैनल में जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह, श्री श्री रविशंकर और श्रीराम पंचू शामिल किए गए हैं। इस पैनल की अध्यक्षता जस्टिस खलीफुल्लाह करेंगे। फैसले के मुताबिक मध्यस्थता की मीडिया कवरेज नहीं होगी, जबकि रिकॉर्डिंग की जाएगी। इस पैनल को 8 हफ्ते में पूरी रिपोर्ट देनी होगी... इसके अलावा 4 हफ्ते में प्रोग्रेस बताना होगा।
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Published March 8th, 2019 at 12:21 IST