अपडेटेड 2 May 2023 at 16:28 IST

'कैंसर के बाद डॉक्टर ने दिया था 6 महीने का अल्टीमेटम', Sharad Pawar ने Doctor को ही कर दिया था चैलेंज

Sharad Pawar ने बताया था कि साल 2004 में लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें इस बात का पता चला कि उन्हें कैंसर है तो वो तनिक भी नहीं घबराए।

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Sharad Pawar (Photo- PTI)
Sharad Pawar (Photo- PTI) | Image: self

Sharad Pawar Resigns from NCP President: शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष  पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ट्वीटकर इस बात की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी। शरद पवार को भारतीय राजनीति का चाणक्य माना जाता है। उन्होंने कई बार हारी हुई सियासी पारियों को अपने फैसलों से पलट दिया है। शरद पवार एक कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक मजबूत फैसले लेने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है वो कभी विपरीत परिस्थितियों में भी नहीं घबराते हैं ये उदाहरण हम उनके निजी जीवन में भी देख सकते हैं। आइए हम आपको बताते हैं पवार के जीवन का वो मौका जब डॉक्टर ने उन्हें कह दिया था कि वो बस 6 महीने तक ही जिंदा रहेंगे। 

एक कार्यक्रम के दौरान खुद शरद पवार ने बताया था कि साल 2004 में लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें इस बात का पता चला कि उन्हें कैंसर है तो वो तनिक भी नहीं घबराए। वो इलाज के लिए न्यूयॉर्क गए वहां के डॉक्टरों ने उन्हें भारत के कुछ कैंसर विशेषज्ञों से मिलने की सलाह दी। शरद पवार कैंसर के इलाज के दौरान कृषिमंत्री थे उन्हें हर रोज सुबह 9 बजे से 2 बजे तक काम करना होता था और उसके बाद वो अपोलो अस्पताल में जाकर कीमोथैरिपी लेते थे। पवार ने बताया था इस दौरान उन्हें असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता था।

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डॉक्टरों ने कहा अब आप 6 महीने के मेहमान

इलाज के दौरान शरद पवार से डॉक्टर ने बताया कि अब आप मात्र 6 महीने तक ही और जिंदा रह सकते हैं। डॉक्टर के इस जवाब पर वो तनिक भी हैरान नहीं हुए और उन्होंने डॉक्टर को जवाब दिया कि मैं बीमारी की चिंता नहीं करता हूं। आप भी मत करो हो सका तो मैं आपको भी पहुंचा कर जाउंगा। इसके बाद पवार ने जनता को भी इस बात की नसीहत दी थी कि कैंसर से बचना है तो तंबाकू सेवन बंद कर दें। 

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शरद पवार ने पत्नी से रखी थी एक बच्चे की शर्त

शरद पवार अपनी बात के कितने पक्के हैं इस बात का उदाहरण उनके एक इंटरव्यू से पता चलता है। जब उन्होंने बताया था कि मैंने शादी से पहले अपनी पत्नी प्रतिभा से एक ही संतान पैदा करने की शर्त रखी थी। उन्होंने कहा था वो संतान चाहे लड़का हो या लड़की। इसके बाद 30 जून 1969 को सुप्रिया का जन्म हुआ था। 60 के दशक में ये निर्णय लेना काफी कठिन काम था लेकिन पवार ने साबित करके दिखाया।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 2 May 2023 at 16:07 IST