अपडेटेड 29 January 2024 at 22:24 IST

बिहार-बंगाल के बाद UP में INDI गठबंधन में रार! सपा के सीट बंटवारे से खुश नहीं RLD और कांग्रेस

80 में से 18 लोकसभा सीट दिये जाने की पेशकश कांग्रेस और RLD को रास नहीं आ रही है। ये दोनों दल अपनी-अपनी ‘ताकत’ के आधार पर ज्यादा सीट की मांग कर रही हैं।

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Ajay rai, Akhilesh Yadav, Jayant Chaudhary
सपा के सीट बंटवारे से खुश नहीं RLD और कांग्रेस | Image: PTI

Ruckus in INDI alliance: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने अपने सहयोगियों कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक दल को 80 में से 18 सीट देने का ऐलान किया है। जिसमें से कांग्रेस को 11 और आरएलडी (RLD) को 7 सीट देने को कहा है। अब जानकारी सामने आ रही है कि 80 में से 18 लोकसभा सीट दिये जाने की पेशकश कांग्रेस और RLD को रास नहीं आ रही है। ये दोनों दल अपनी-अपनी ‘ताकत’ के आधार पर ज्यादा सीट की मांग कर रही हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में कांग्रेस को 11 और रालोद को 7 सीट देने को कहा है। कांग्रेस ने मांग की है कि उसे साल 2009 में जीती गईं 21 से अधिक सीट दी जाएं, जबकि आरएलडी राज्य में 7 के बजाय 8 सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है।

2009 में यूपी में किसने जीतीं कितनी सीटें?

साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में 21 सीट जीती थीं, जबकि बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने 20 सीट। सपा (SP) ने 23 सीट पर परचम लहराया था, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) 10 सीट जीतने में कामयाब रही थी। रालोद के खाते में पांच सीट आई थीं और एक पर निर्दलीय उम्मीदवार का कब्जा रहा। बाद में अखिलेश यादव के फिरोजाबाद सीट खाली करने के बाद उस साल हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।

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22 से ज्यादा सीटों पर लड़ना चाहती है कांग्रेस

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने कहा, ‘‘सीट बंटवारे को लेकर सकारात्मक बातचीत चल रही है। हम चाहते हैं कि पार्टी राज्य में 22 से अधिक सीट पर चुनाव लड़े जो उसने 2009 के लोकसभा चुनावों में जीती थीं। कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व इस बारे में बात कर रहा है।’’

8 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है RLD

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RLD के एक वरिष्ठ नेता ने सपा की ओर से दी गई सीट के बारे में कहा, ‘‘रालोद देवरिया लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ना चाहती है। हमारे वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने साल 2004 में कांग्रेस के टिकट पर वहां से चुनाव लड़ा था और अपने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी टक्कर दी थी। 2019 में सपा ने वह सीट बसपा को दे दी थी। कुल मिलाकर राजनीतिक समीकरण रामाशीष राय के पक्ष में है और इससे आश्चर्यजनक परिणाम मिल सकते हैं।’’

रालोद के नेताओं के मुताबिक सपा ने उनकी पार्टी को बागपत, मुजफ्फरनगर, मथुरा, कैराना, हाथरस, बिजनौर और अमरोहा की सीट देने की पेशकश की है।

रालोद के एक अन्य नेता ने कहा, ‘‘पार्टी नेता इस बात से हैरान हैं कि सपा ने उन्हें अमरोहा लोकसभा सीट की पेशकश कैसे की? खासकर तब, जब मौजूदा सांसद दानिश अली कांग्रेस के साथ तालमेल बैठा रहे हैं। सपा ने रालोद को जिन 7 सीट की पेशकश की है, उनमें से 3 सीट पर सपा के उम्मीदवार रालोद के चुनाव चिह्न पर मैदान में उतरेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘रालोद प्रमुख जयंत चौधरी सपा की ओर से दी गयी सीट की पेशकश से बहुत खुश नहीं हैं।’’

 ‘11+7’ सीट के फॉर्मूले में कोई बदलाव नहीं-  राजेंद्र चौधरी

इस बीच, कांग्रेस की ओर से मांग जा रही ज्यादा सीट के सवाल पर सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, ‘‘यह तो उनका पक्ष है ना? सपा ने उन्हें जितनी सीटें दी हैं, उतनी ही रहेंगी।रालोद के साथ सीट बंटवारे का फैसला पहले ही हो चुका है। जयंत चौधरी आए थे और सब कुछ तय हो गया था। सपा सहयोगियों को ‘11+7’ सीट के फॉर्मूले पर टिकी है और फिलहाल इसमें ‘‘कोई और संशोधन नहीं होगा।’’

2019 में किसने जीतीं कितनी सीटें?

राजनीतिक लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीट हैं। देश में लोकसभा चुनाव इसी साल अप्रैल-मई में होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश में भाजपा के 64 सांसद हैं। इसके अलावा बसपा के 10, सपा के तीन और अपना दल (सोनेलाल) के दो सांसद हैं। सोनिया गांधी राज्य की एकमात्र कांग्रेस सांसद हैं जो रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं।

(इनपुट-भाषा-PTI)

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 29 January 2024 at 22:24 IST