अपडेटेड 16 January 2024 at 14:55 IST
'RSS को मंदिर का निर्माण नहीं मस्जिद गिरानी थी...', राम मंदिर को लेकर फिर दिग्विजय का विवादित बयान
Congress दिग्गज दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दिया है। निशाने पर RSS को लिया है।

Digvijay Targets RSS/ Ram Mandir: कांग्रेस कद्दावर दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर को लेकर फिर कुछ ऐसा कहा है जिससे सियासी बवाल तय है। उन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले विवादित ढांचे को लेकर लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है। जिसमें कांग्रेस को क्लिन चिट और आरएसएस को दागी करार देने की कोशिश साफ दिखती है।
खबर में आगे पढ़ें
- दिग्विजय को आई कारसेवकों की याद!
- कांग्रेस की खूबियां और विरोधियों की नाकामियां क्यों गिना रहे कांग्रेस सांसद?
- आंदोलन के प्रमुख नारे को लेकर उठाए सवाल, वजह क्या?
टैग कर पूछे सवाल
दिग्विजय सिंह ने अपना गुबार निकाला है अपनी पार्टी को पाक साफ बताने की जुगत करते दिखे। उन्होंने 16 जनवरी को एक लंबा चौड़ा पोस्ट एक्स पर डाला। जिसमें कांग्रेस के साथ ही @BJP4India, @RSSorg, @VHPDigital और प्रधानमंत्री @narendramodi को टैग किया है। लिखा है-
@INCIndia ने कभी भी अयोध्या जी में #RamMandir निर्माण का विरोध नहीं किया। केवल विवादित भूमि में निर्माण हेतु न्यायालय के फ़ैसले तक इंतज़ार करने के लिए कहा था। ग़ैर विवादित भूमि पर भूमि पूजन भी राजीव जी के समय हो गयी थी। नरसिम्हा राव जी ने राम मंदिर निर्माण के लिए ग़ैर विवादित भूमि का अधिग्रहण भी कर दिया था।
मंदिर मस्जिद का उठाया मुद्दा
दिग्विजय सिंह ने अगली लाइन में मंदिर मस्जिद मुद्दे को छेड़ दिया है। आरोप आरएसएस पर लगाते हुए मंशा को सवालों के घेरे में खड़ा किया। आगे लिखा- ... लेकिन @BJP4India @VHPDigital @RSSorg को मंदिर निर्माण नहीं मस्जिद गिराना था। क्योंकि जब तक मस्जिद नहीं गिरेगी तब तक मुद्दा हिंदू मुसलमान का नहीं बनता।
नारे को लेकर सवाल
दिग्विजय सिंह ने अपनी बात को बढ़ाते हुए लिखा है- विध्वंस उनकी चाल व चरित्र में है अशांति फैला कर राजनीतिक लाभ लेना उनकी रण नीति है। इसीलिए उनका नारा था “राम लला हम आयेंगे, मंदिर वहीं बनायेंगे...” अब वहांक्यों नहीं बनाया? जब उच्चतम न्यायालय ने विवादित भूमि न्यास को दे दी थी? इसका जवाब तो केवल
@VHPDigital के चंपत राय जी या @narendramodi जी ही दे सकते हैं।
Advertisement
'स्वंय सेवक के परिवारों के लिए सहानुभूति'
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने सियासी दांव खेलने की कोशिश की है। राम मंदिर समारोह में शामिल न होने के कांग्रेसी रवैए की चौतरफा निंदा हो रही है तो 'सहानुभूति कार्ड' फेंक इतिहास याद दिलाने की चाल चली है। लिखा है- मेरी सहानुभूति उन स्वयं सेवक परिवारों के साथ है जो मंदिर निर्माण आंदोलन में शाहिद हुए व वो लोग जिनके ऊपर न्यायालय में आपराधिक मुक़दमे चले। वे क्या आमंत्रित किए गए? निर्मोही अखाड़े के लोग जिन्होनें १७५ वर्षों तक राम जन्म भूमि की लड़ाई लड़ी जिन्होनें अदालत में लड़ाई लड़ी उन्हें क्या आमंत्रित किया? उनके पूजा का अधिकार भी छीन कर वीएचपी के चंपत राय के चयनित स्वयं सेवकों को दे दिया। क्या यही राज धर्म है क्या यही राम राज है?
Advertisement
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 16 January 2024 at 12:49 IST