अपडेटेड 1 January 2024 at 07:33 IST
खुद न्यौता देने गया, राजनीति करनी होती तो... प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विपक्ष को VHP अध्यक्ष का जवाब
विपक्ष के आरोपों पर VHP अध्यक्ष ने कहा कि मैं मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण देने गया था। राजनीति करते तो विपक्षी दलों के नेताओं को निमंत्रण क्यों जाता?
- भारत
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Ayodhya Ram Mandir Praan Pratishtha: राम मंदिर को लेकर विपक्ष लगातार सियासत कर रहा है। 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इस मौके पर राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से संतो महात्माओं प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रमुखों आदि को न्यौता भेजा जा रहा है। जब तक विपक्षी दलों को न्यौता नहीं भेजा गया था तब तक इसपर विपक्ष अपनी सियासत कर रहा था। लेकिन अब जब मंदिर की ट्रस्ट की ओर से न्यौता भेजा जा चुका है तो इसपर राजनीति भी देखी जा रही है। विपक्ष के आरोपों पर VHP नेता ने करारा जवाब दिया है।
खबर में आगे पढ़ें:
- कांग्रेस नेताओं को VHP चीफ का जवाब
- विपक्षी पार्टियों ने न्यौता ना मिलने का लगाया आरोप
- कितने मेहमान प्राण प्रतिष्ठा में होंगे शामिल?
22 जनवरी को राम मंदिर के अभिषेक समारोह के निमंत्रण पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अध्यक्ष आलोक कुमार का कहना है, "मैं मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण देने गया था, VHP के सदस्य अधीर रंजन चौधरी को निमंत्रण देने गए थे। अगर कोई राजनीति होती तो विपक्षी दलों के नेताओं को निमंत्रण क्यों भेजा जाता?"
अगर वे आते तो सम्मान से स्वागत...
VHP नेता ने कहा, "अगर वे आते हैं तो हम सम्मान के साथ उनका स्वागत करेंगे। यह पूरे देश का कार्यक्रम है और यहां सभी का स्वागत है।''
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कितने मेहमान प्राण प्रतिष्ठा में होंगे शामिल?
वैसे तो प्राण प्रतिष्ठा के इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लाखों लाख श्रद्धालु आने वाले हैं। हालांकि, राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से अनुमानित 4,000 संतों और 2400 से ज्यादा मेहमानों को आमंत्रित किया गया है।
विपक्ष की सियासत को प्रमोद कृष्णन ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
पहले विपक्ष न्यौता ना मिलने को मुद्दा बना रहा था और अब न्यौता मिलने के बाद ना जाने का फैसला सुना रहा है। इसे लेकर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने कहा, "जो राम का विरोध करे वो नास्तिक हैं। ऐसे लोगों को राजनीति में ही रहने लायक नहीं है। राम का विरोध करें और भारत में राजनीति करें तो जनता को बुरा लगता है। राम के मंदिर का उद्घाटन भारत का उत्सव है। इसका विरोध ठीक नहीं है। ये हमारी संस्कृति नहीं है। दुश्मन के घर में भी अगर खुशी है तो हम खुशी मनाते हैं ये भारत की संस्कृति है। जिन्हें न्योता मिला है ये उनका परम सौभाग्य है। और जो नहीं जाएंगे उनका दुर्भाग्य है।"
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Published By : Arpit Mishra
पब्लिश्ड 31 December 2023 at 22:40 IST