अपडेटेड 19 May 2025 at 15:14 IST
नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल की सोशल मीडिया पर राजस्थान के इतिहास को लेकर और राजस्थान के राजाओं को लेकर एक के बाद एक करके कई बयान वायरल हो रहे हैं। हनुमान बेनीवाल के राजस्थान के इतिहास को लेकर दिए गए बयानों की वजह से पूरे प्रदेश में सियासी घमासान मच गया है। बेनीवाल ने हाल में ये भी कहा था कि राजस्थान के राजा रजवाड़े युद्ध से बचने के लिए अपनी बेटियों के रिश्ते लेकर मुगलों के पास 75 किलोमीटर पहले ही पहुंच जाते थे। बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में युद्ध तो कभी लड़े ही नहीं गए हैं। महाराजा सूरजमल या एक दो और ऐसे राजा रहे होंगे जिन्होंने युद्ध किए थे बाकि तो समझौते हुए थे। उनके इस विवादित बयान को लेकर राजस्थान की करणी सेना के अध्यक्ष राज सिंह शेखावत ने भी उन्हें कड़ी चेतावनी दे दी है।
हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान के इतिहास पर टिप्पणी करते हुए यहां तक कह दिया कि आप राजस्थान का इतिहास उठाकर पढ़ लो और देखो कि कितने राजाओं ने युद्ध लड़ा है और युद्ध जीतकर राज किया है कई मामलों में तो यहां के राजाओं ने अपनी बेटियां मुगलों को देकर उनसे रिश्तेदारी कर ली थी। इस तरह से नए संबंध स्थापित कर करके वो राज करते रहे। नागौर सांसद के इस बयान का अब पूरे सूबे में विरोध भी शुरू हो चुका है। करणी सेना के अध्यक्ष के अलावा राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर ने उनके बयानों का पुरजोर विरोध किया है। आइए आपको बताते हैं कौन है हनुमान बेनीवाल जिनके बयानों से पूरे राजस्थान में सियासी घमासान छिड़ चुका है।
राजस्थान की नागौर लोकसभा सीट से सांसद हनुमान बेनीवाल भारतीय राजनीति के एक प्रमुख नेता हैं। हनुमान बेनीवाल एक किसान परिवार से आते हैं उनका जन्म 2 मार्च 1972 को राजस्थान के नागौर जिले के बरंगांव नाम के गांव में हुआ था। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी किया था। साल 1997 में बेनीवाल ने राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष के रूप में छात्र राजनीति में कदम रखा। शुरुआत में वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े, लेकिन 2013 में भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ दी और अपनी पार्टी 'राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी' (RLP) की स्थापना की। RLP के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उन्होंने किसानों के अधिकारों की रक्षा और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को अपनी प्राथमिकता बनाई।
साल 2008 में बेनीवाल का संघर्ष रंग लाया और जनता ने उन्हें पहली बार राजस्थान की खींवसर विधानसभा सीट से चुनाव जीतवा कर विधानसभा का टिकट दे दिया। इसके बाद साल 2019 में बेनीवाल ने लोकसभा चुनाव के दौरान नागौर लोकसभा सीट से किस्मत आजमाई जहां उन्हें जनता ने हाथों हाथ लिया और वो लोकसभा में पहुंचे इसके बाद साल 2024 में फिर बेनीवाल ने उसी सीट से लोकसभा चुनाव जीता। हालांकि, इसी बीच 2023 में खींवसर विधानसभा के उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, इतना ही नहीं इस साल उनकी पार्टी को राजस्थान विधानसभा में कोई सीट नहीं मिली थी। इसके अगले ही साल वो फिर से लोकसभा चुनाव जीतक संसद पहुंचे। बेनीवाल की दो संतानें हैं और मौजूदा समय बेनीवाल दिल्ली के राष्ट्रपति एस्टेट में स्थित अपने सरकारी आवास में रहते हैं।
पब्लिश्ड 19 May 2025 at 15:14 IST