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Published 23:08 IST, November 27th 2024

अजमेर दरगाह में शिव मंदिर वाली याचिका कोर्ट ने स्वीकारा तो भड़के ओवैसी-लोग जाते रहेंगे इंशाअल्लाह...

राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे वाली याचिका अजमेर के सिविल कोर्ट ने स्वीकार की तो AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए।

Reported by: Kanak Kumari Jha
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AIMIM Chief Asaduddin Owaisi on Ajmer Sharif Dargah
अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर कोर्ट के आदेश पर भड़के ओवैसी | Image: ANIT/PTI

संभल के जामा मस्जिद में सर्वे को लेकर हुए बवाल के बीच राजस्थान के अजमेर शरीफ की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। दरअसल, दरगाह में शिव मंदिर का दावा करते हुए एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही सभी पक्षकारों को हाजिर होने की नोटिस भी दी है। इस बीच AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया सामने आई है।

AIMIM चीफ ओवैसी ने अजमेर की दरगाह को लेकर कोर्ट के नोटिस पर कहा, "सुल्तान-ए-हिन्द ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (RA) भारत के मुसलमानों के सबसे अहम औलिया इकराम में से एक हैं। उनके आस्तान पर सदियों से लोग जा रहे हैं और जाते रहेंगे इंशाअल्लाह। कई राजा, महाराजा, शहंशाह, आए और चले गये, लेकिन ख्वाजा अजमेरी का आस्तान आज भी आबाद है।"

उन्होंने आगे लिखा, "1991 का इबादतगाहों का कानून साफ कहता है के किसी भी इबादतगाह की मजहबी पहचान को तब्दील नहीं किया जा सकता, ना अदालत में इन मामलों की सुनवाई होगी। ये अदालतों का कानूनी फर्ज है के वो 1991 एक्ट को अमल में लायें। बहुत ही अफसोसनाक बात है कि हिंदुत्व तंजीमों का एजेंडा पूरा करने के लिए कानून और संविधान की धज्जियां उड़ायी जा रहीं हैं और नरेंद्र मोदी चुप चाप देख रहे हैं।"

सिविल कोर्ट ने स्वीकार की याचिका

अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका को अजमेर सिविल न्यायालय पश्चिम ने सुनने योग्य माना है। कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को नोटिस देकर पक्ष रखने को भी कहा है।

बता दें, हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से यह याचिका दाखिल की गई थी। वादी विष्णु गुप्ता की याचिका पर संज्ञान लेते हुए जस्टिस मनमोहन चंदेल ने दरगाह कमेटी, अस्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।

5 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

कोर्ट ने मामले में 5 दिसंबर को सुनवाई की तारीख तय की है। हिंदू संगठन लगातार लंबे समय से दावा करता आ रहा है कि यहां मंदिर हुआ करता था। हिंदू संगठन महाराणा प्रताप सेना ने 2022 में अजमेर दरगाह में हिंदू मंदिर होने का दावा किया था। इस मामले में उन्होंने राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्र सरकार को चिट्ठी भी लिखी थी। महाराणा प्रताप सेना के पदाधिकारियों ने चिट्ठी के साथ एक तस्वीर भी भेजी थी, जिसमें दरगाह की खिड़कियों पर स्वास्तिक के निशान होने का दावा किया गया था।

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Updated 23:08 IST, November 27th 2024