अपडेटेड 3 December 2022 at 19:55 IST
राहुल गांधी के 'जय सिया राम' वाले बयान पर बोले- 'ओवैसी- बाबरी मस्जिद गिराई गई तो कांग्रेस की थी सत्ता'
राहुल गांधी के 'जय श्री राम' और 'जय सिया राम' पर भाषण के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्हें इसपर कोई हैरानी नहीं है।
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राहुल गांधी के 'जय श्री राम' और 'जय सिया राम' पर भाषण के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्हें इसपर कोई हैरानी नहीं है। शनिवार को मीडिया से बात करते हुए हैदराबाद के सांसद ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस का हवाला दिया और याद दिलाया कि 1992 में कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी। ओवैसी ने कहा, 'राहुल के बयान से कोई आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि जब बाबरी मस्जिद का ताला खोला गया, मूर्तियों को अंदर रखा गया और बाबरी मस्जिद को ढहाया गया तो कांग्रेस पार्टी ही सत्ता में थी, उनके लिए इस तरह के बयान देना स्वाभाविक है।'
राहुल गांधी ने 'जय श्री राम' को लेकर कहा था ऐसा
बता दें कि राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के मालवा में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी सीता माता को नहीं मानती है, क्योंकि वह 'जय श्री राम' का नारा देती है। उन्होंने कहा कि भाजपा को अपना नारा बदलना चाहिए और 'जय सिया राम' या 'जय सीता राम' कहना चाहिए। राहुल गांधी शुक्रवार को 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि आरएसएस और भाजपा उस भावना से जीवन नहीं जीते, जिसमें भगवान राम रहते थे। उन्होंने कहा कि "राम ने किसी के साथ अन्याय नहीं किया। राम ने समाज को एक साथ लाया। राम ने सभी का सम्मान किया। भगवान राम ने किसानों, मजदूरों और व्यापारियों की मदद की। आरएसएस और भाजपा के नेता उनके जीवन के तरीके को नहीं अपनाते हैं।"
चुनावी गणित के आधार पर बदलते हैं राहुल गांधी- अमित मालवीय
राहुल गांधी के इस बयान पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख ने कहा कि चुनावी गणित के आधार पर राहुल गांधी की मान्यताएं बदल जाती हैं। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया, 'एक कैथोलिक मां और एक पारसी पिता के बेटे राहुल गांधी को हिंदी हार्टलैंड में इस फैंसी ड्रेस ड्रामा को बंद करना चाहिए। जब वे केरल या तमिलनाडु में थे, तो उन्होंने कभी भी एक भी हिंदू मंदिर में जाने की जहमत नहीं उठाई। जबकि अल्पसंख्यक धार्मिक स्थलों का दौरा किया। उनकी मान्यताएं चुनावी गणित के आधार पर बदल जाती हैं।'
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Published By : Chandani sahu
पब्लिश्ड 3 December 2022 at 19:55 IST