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Published 14:58 IST, August 24th 2024

सिद्धरमैया की जगह लेने के लिए कांग्रेस में चल रहा है ‘म्यूजिकल चेयर’ का खेल: आर अशोक

नेता प्रतिपक्ष आरअशोक ने दावा किया कि CM सिद्धरमैया को पद से हटाने को लेकर कांग्रेस में चर्चा चल रही है और नए उम्मदीवार के लिए कांग्रेस में ‘म्यूजिकल चेयर’ का खेल हो रहा है।

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Karnataka CM Siddaramaiah
Karnataka CM Siddaramaiah | Image: Facebook

कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने शनिवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को पद से हटाने को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस में चर्चा चल रही है और इस शीर्ष पद के लिए उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं एवं मंत्रियों के बीच ‘म्यूजिकल चेयर’ (जादुई कुर्सी) के लिए दौड़ चल रही है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता की यह टिप्पणी उन खबरों के बीच आई है, जिनमें दावा किया गया है कि कांग्रेस ने सिद्धरमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने के बाद भविष्य की रणनीति के मद्देनजर कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना पर चर्चा की है। सिद्धरमैया और शिवकुमार तथा कई वरिष्ठ मंत्रियों ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात की और चर्चा की।

अशोक ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हमने कभी नहीं कहा कि हम इस सरकार को उखाड़ फेंकेंगे। हमने किसी भी विधायक से संपर्क नहीं किया है और न ही उनसे मिले हैं। हम कांग्रेस के किस विधायक से मिले हैं? चीजें उनकी अपनी पार्टी (कांग्रेस) में हो रही हैं। मैं इसे रोजाना अखबारों और टेलीविजन मीडिया में देख रहा हूं। ‘म्यूजिकल चेयर’ के लिए दौड़ चल रही है।’’ उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘डी के शिवकुमार, जी परमेश्वर, एम बी पाटिल, सतीश जारकिहोली, जमीर अहमद खान, के जे गेर्गे (सभी मंत्री)... खरगे (मल्लिकार्जुन खरगे) का नाम भी कहीं से सामने आया है, सभी ‘म्यूजिकल चेयर’ की दौड़ में शामिल हैं।’’

सिद्धरमैया की जगह कौन लेगा?

उन्होंने कहा, ‘‘उनकी पार्टी (कांग्रेस) में भ्रम की स्थिति है। कांग्रेस विधायकों के बीच चर्चा का सबसे अहम विषय यह है कि सिद्धरमैया की जगह कौन लेगा। भाजपा में ऐसी कोई चर्चा (सरकार हटाने के लिए) नहीं है। जो भी (मुख्यमंत्री) बने, हमें उससे क्या लेना-देना? हमने कभी नहीं कहा कि हम सरकार को हटा देंगे, इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। उन्हें सम्मानपूर्वक सरकार चलाने दें और लोगों का दिल जीतने दें।’’

कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने पिछले दिनों तीन अधिकार कार्यकर्ताओं की शिकायत पर मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में कथित वैकल्पिक भूखंड घोटाले में मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी, जिसके बाद मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सिद्धरमैया के खिलाफ हमलावर है।

राज्यपाल ने 16 अगस्त को सिद्धरमैया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत एस पी प्रदीप कुमार, टी जे अब्राहम और स्नेहमयी कृष्णा की याचिकाओं में उल्लिखित कथित अपराधों में मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी।

राज्यपाल ने विधेयक किया वापस

कई विधेयक वापस भेजने को लेकर राज्यपाल पर निशाना साधने के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस पर पलटवार करते हुए अशोक ने इसे सरकार की ओर से ‘लापरवाही’ करार दिया। उन्होंने इसे नियमित परंपरा बताते हुए मंत्रियों और सरकार से विधेयकों पर स्पष्टीकरण देने को कहा। अशोक ने कहा कि राज्यपाल को जनता सहित विभिन्न वर्गों से विधेयकों के बारे में शिकायतें मिली होंगी।

उन्होंने कहा कि जैसे कि शहरी विकास विधेयक, हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक के मामले में, राज्यपाल के पास संविधान के तहत स्पष्टीकरण मांगने की शक्ति है और लगभग सभी राज्यपालों ने अतीत में स्पष्टीकरण मांगने के लिए विधेयकों को वापस भेज दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब भाजपा सरकार सत्ता में थी, तब भी तत्कालीन राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने कई विधेयकों को वापस भेजा था। क्या हमने इसके लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया? यह एक आम बात है। जाइए और पूछिए कि विधेयक को वापस क्यों भेजा गया और स्पष्टीकरण दीजिए। संबंधित विभाग के मंत्री, सचिव और मुख्य सचिव प्रत्येक विधेयक के संबंध में स्पष्टीकरण दें और लोगों को इसके फायदे समझाएं, यह सरकार का कर्तव्य है। आप खुद गलती कर रहे हैं और आप राज्यपाल को दोष दे रहे हैं। क्या यह सही है?’’

 शिवकुमार का बड़ा दावा

पमुख्यमंत्री शिवकुमार ने शुक्रवार को दावा किया था कि राज्यपाल ने भाजपा के दबाव में 15 विधेयक वापस भेज दिए हैं। उन्होंने राज्यपाल गहलोत पर निशाना साधते हुए उन पर भाजपा के अनुकूल निर्णय लेने का आरोप लगाया था।

मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के लिए सड़क पर राज्यपाल के खिलाफ अपमानजनक तरीके से बोलने के लिए कांग्रेस नेताओं और मंत्रियों को फटकार लगाते हुए अशोक ने कहा, ‘‘यह सोचे बिना कि राज्यपाल दलित समुदाय से हैं, उनकी तस्वीरें जला दी गईं... मंत्रिमंडल के सदस्यों और मुख्यमंत्री ने भी उनके बारे में अपमानजनक बात कही है।’’

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Updated 14:58 IST, August 24th 2024