Published 22:34 IST, September 28th 2024
राष्ट्रपति ने यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स से कहा- ‘महिलाओं के खिलाफ अत्याचार रोकने में निभाएं अहम भूमिका’
राष्ट्रपति ने कहा कि, नेटवर्क महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों की रोकथाम करने तथा ऐसे अत्याचारों के मामलों से निपटने के लिए ठोस प्रयास करेगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को यहां नालसार विधि विश्वविद्यालय और इसके पूर्व छात्रों से सभी हितधारकों का समर्थन प्राप्त करने तथा महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की रोकथाम के प्रयास करने के लिए महिला अधिवक्ताओं एवं कानून के विद्यार्थियों का एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क स्थापित करने में मदद करने का आग्रह किया।
नालसार विधि विश्वविद्यालय के 21वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘यह नेटवर्क महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों की रोकथाम करने तथा ऐसे अत्याचारों के मामलों से निपटने के लिए ठोस प्रयास करेगा।’’
उन्होंने विश्वास जताया कि (विधि) स्नातक कर रहे विद्यार्थी नालसार में प्राप्त अपनी शिक्षा का उपयोग सामाजिक न्याय और विकास के प्रभावी साधन के रूप में करेंगे। संविधान में वर्णित समानता के सिद्धांत का उल्लेख करते हुए, राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि गरीब व्यक्ति को अमीर के समान न्याय नहीं मिल पाने की अनुचित स्थिति को बदलना होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य नीति के निर्देशक तत्व समान न्याय और निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रयास करता है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह राज्य को यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार बनाता है कि ‘‘किसी भी नागरिक को आर्थिक या अन्य अक्षमताओं के कारण न्याय प्राप्त करने के अवसरों से वंचित न किया जाए।’’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, एक गरीब व्यक्ति को न्याय उतनी आसानी से नहीं मिलता, जितनी आसानी से एक अमीर व्यक्ति को मिलता है। इस अनुचित स्थिति को बदलना होगा। मैं उम्मीद करती हूं कि आपकी पीढ़ी के कानूनी पेशेवर बदलाव के वाहक बनेंगे।’’
देश की कानूनी परंपराओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि मेगस्थनीज (यूनानी इतिहासकार) ने भारतीयों का वर्णन कानून का पालन करने वाले लोगों के रूप में किया था। मुर्मू ने कहा कि चाणक्य के ‘अर्थशास्त्र’ में न्याय प्रशासन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के लिए निर्धारित उच्च मानकों का उल्लेख है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमारे जैसे महान देश के लिए, इतिहास बोध राष्ट्रीय गौरव और आकांक्षाओं को जगाता है। डॉ. भीम राव आंबेडकर ने संविधान सभा में अपने समापन भाषण में प्राचीन भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को रेखांकित किया था।’’
इस अवसर पर तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा, मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी, तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इससे पहले, यहां बेगमपेट हवाई अड्डे पर मुर्मू के पहुंचने पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उनके कैबिनेट सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने गर्मजोशी से राष्ट्रपति का स्वागत किया।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 22:34 IST, September 28th 2024