अपडेटेड 24 September 2023 at 23:44 IST

जयराम रमेश पर प्रह्लाद जोशी का पलटवार, बोले- कांग्रेस की आंखों में चुभ रही मोदी सरकार की बनाई नई संसद

नय संसद भवन के बारे में जयराम रमेश ने कहा था, 'इसे मोदी मल्टीप्लेक्स या मोदी मैरियट कहा जाना चाहिए।'

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Prahlad Joshi (PC PTI)
Prahlad Joshi (PC PTI) | Image: self

नए संसद भवन को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश की टिप्पणी पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि जयराम रमेश ने नए संसद भवन की आलोचना करके देश के लोगों का अपमान किया है।

स्टोरी में आगे पढ़ें-

  • नए संसद भवन पर जारी है विपक्षी बयानबाजी
  • 'मोदी मल्टीप्लेक्स-मोदी मैरियट' पर भड़की बीजेपी
  • प्रहलाद जोशी का जयराम रमेश पर जोरदार हमला 

जयराम रमेश ने खुद की थी नए संसद भवन की मांग

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, 'मुझे यह याद दिलाने की जरूरत है कि आपने एक बार स्वयं यह कहा था, "हमें एक नए संसद भवन की सख्त जरूरत है। यह कार्यात्मक नहीं है और पुराना हो चुका है। यहां तक ​​कि लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने वैकल्पिक परिसर का सुझाव देने के लिए एक समिति के गठन को मंजूरी भी दिया था। कई अन्य सांसदों की भी यही राय थी।' 

'नया संसद भवन विपक्ष की आंखों की किरकिरी क्यों' 

प्रहलाद जोशी ने कहा, 'यह भयावह है कि कैसे जयराम रमेश संसद के बारे में बात करके देश की जनता का अपमान कर रहे हैं।नया, भव्य संसद भवन, जो नए भारत की आकांक्षाओं का उपयुक्त प्रतीक है। विपक्ष की आंखों की किरकिरी क्यों है? आत्म निर्भर भारत की सफलता इन लोगों को क्यों परेशान करती है?'

नई संसद की आवश्यकता के बारे में अतीत में स्वयं राय व्यक्त करने के बावजूद, कुछ लोग हर मुद्दे का राजनीतिकरण क्यों करते हैं। आपको यह पसंद नहीं है कि हमने अपना लोकतंत्र का मंदिर बनाया है। आपकी पार्टी ने अपने शासन के सभी दशकों में भारत के लिए कुछ नहीं किया। 

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प्रहलाद जोशी का कांग्रेस को सुझाव

सत्ता में रहते हुए और अब विपक्ष के रूप में आपने जो किया वह खोखला बयानबाजी है। हमने जो किया वह दुनिया को देखने और सराहने के लिए किया। शायद आपको इस तरह अपनी भड़ास नहीं निकालनी चाहिए और आत्ममंथन नहीं करना चाहिए कि जनता आपको और आपकी तुच्छ राजनीति को क्यों नकारती रहती है। 

क्या कहा था जयराम रमेश ने ?

नए संसद भवन को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था, 'नया संसद भवन कितने प्रचार के साथ लॉन्च किया गया और यह पीएम के उद्देश्यों को अच्छी तरह से साकार करता है। इसे मोदी मल्टीप्लेक्स या मोदी मैरियट कहा जाना चाहिए। चार दिनों में ही मैंने देखा कि दोनों सदनों के अंदर बातचीत खत्म हो गई है। यदि वास्तुकला लोकतंत्र को मार सकती है, तो संविधान को दोबारा लिखे बिना ही प्रधानमंत्री पहले ही सफल हो चुके हैं। शायद 2024 में सरकार बदलने के बाद नए संसद भवन का बेहतर उपयोग हो सकेगा।'

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Published By : Neeraj Agrahari

पब्लिश्ड 24 September 2023 at 23:44 IST