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Published 19:46 IST, November 29th 2024

महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ रु जारी करने का आदेश भाजपा के विरोध को लेकर वापस लिया गया

महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए 10 करोड़ रुपये की निधि जारी करने संबंधी एक सरकारी प्रस्ताव जारी किये जाने के एक दिन बाद वापस ले लिया गया।

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Devendra Fadnavis
Devendra Fadnavis | Image: Facebook
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महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए 10 करोड़ रुपये की निधि जारी करने संबंधी एक सरकारी प्रस्ताव जारी किये जाने के एक दिन बाद, राज्य सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोध के बीच शुक्रवार को यह आदेश वापस ले लिया। राज्य की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने इस बात की पुष्टि की है कि आदेश वापस ले लिया गया है।

महायुति गठबंधन के तहत, हालिया विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाली भाजपा ने सरकारी प्रस्ताव का यह कहते हुए विरोध किया कि निर्णय प्रशासनिक स्तर पर लिया गया था और संविधान में वक्फ बोर्ड का कोई उल्लेख नहीं है।

महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त होने के बाद एकनाथ शिंदे वर्तमान में कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं।

महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की बड़ी जीत

सत्तारूढ़ महायुति ने राज्य में सत्ता बरकरार रखी है। गठबंधन ने 288 सीट में से 230 पर जीत दर्ज की। भाजपा ने 132, शिंदे नीत शिवसेना ने 57 और अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 41 सीट जीती है। बृहस्पतिवार को जारी सरकारी आदेश में कहा गया कि वित्त एवं नियोजन विभाग ने महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए 10 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी है। बोर्ड का मुख्यालय छत्रपति संभाजीनगर में है। यह पूछे जाने पर क्या सरकारी प्रस्ताव वापस ले लिया गया, सौनिक ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की।

बृहस्पतिवार को जारी सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए 2024-25 के लिए 20 करोड़ रुपये मंजूर किये गए थे। इसमें से दो करोड़ रुपये बोर्ड को हस्तांतरित किये जा चुके हैं। वक्फ बोर्ड के प्रमुख को निर्धारित नियमों के तहत व्यय करने में सावधानी बरतने को कहा गया है।

भाजपा के विरोध के बाद प्रस्ताव रद्द

भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ये ‘‘फर्जी खबरें’’ फैलाई जा रही हैं कि महायुति सरकार ने वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है।

प्रदेश भाजपा ने पोस्ट में कहा, ‘‘यह निर्णय अधिकारियों ने प्रशासनिक स्तर पर लिया था। भाजपा के कड़े विरोध के बाद सरकारी प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया। भाजपा अपने इस रुख पर दृढ़ है कि संविधान में वक्फ बोर्ड का कोई उल्लेख नहीं है।’’

केंद्र के वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर विवाद के बीच यह घटनाक्रम हुआ। केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को संसद के शीतकालीन सत्र के लिए अपनी विधायी कार्य सूची में शामिल किया है। संशोधन विधेयक पर संसदीय समिति से एक रिपोर्ट लंबित है।

विधेयक में वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है, जिसका उद्देश्य विभिन्न वक्फ बोर्ड के कामकाज में जवाबदेही और पारदर्शिता लाना तथा इनमें महिलाओं को शामिल करने को अनिवार्य करने के लिए प्रावधान भी है। विधेयक को लोकसभा में आठ अगस्त को पेश किया गया था और इसे संसद के निचले सदन के सदस्य जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को पड़ताल के लिए भेजा गया है। इस हफ्ते की शुरूआत में, जेपीसी में शामिल विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर समिति का कार्यकाल विस्तारित करने का आग्रह किया था ताकि (संशोधन) विधेयक पर विचार-विमर्श किया जा सके।

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Updated 19:46 IST, November 29th 2024