अपडेटेड 30 July 2024 at 20:59 IST

यूपी में धर्मांतरण विधेयक पर बोले OP राजभर, कानून किसी धर्म के खिलाफ नहीं; भ्रम फैला रहा विपक्ष

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि कानून में जो संशोधन और सुधार हो रहा है उसके पीछे यह मकसद है कि और कड़ाई से नियम लागू हों और इस तरह की चीजें न हो।

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Op Rajbhar
Op Rajbhar | Image: Instagram

OP Rajbhar : उत्तर प्रदेश में अब लव जिहाद करने वालों की खैर नहीं है। आपको बता दें कि धर्मांतरण संशोधित विधेयक 2024 विधानसभा में पास हो गया है।

आपको बता दें कि यूपी में 'लव जिहाद' जैसे अपराधों पर योगी सरकार ने और कड़ी सजा कराने का फैसला किया है। लव जिहाद में आजीवन कारावास तक की सजा दिए जाने का प्रावधान होगा।

किसी धर्म के विरुद्ध नहीं है कानून- ओमप्रकाश राजभर

उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 पारित होने पर योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि ये किसी एक धर्म के विरुद्ध नहीं लाया गया है।

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विपक्ष मुसलमानों को धोखा देता रहा है- ओमप्रकाश राजभर

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि कानून में जो संशोधन और सुधार हो रहा है उसके पीछे यह मकसद है कि और कड़ाई से नियम लागू हों और इस तरह की चीजें न हो। विपक्ष जो कह रहा है कि यह सिर्फ मुसलमानों के लिए है, यह कानून सभी धर्मों के लोगों के लिए बनाया गया है, सिर्फ एक धर्म के लिए नहीं, वे इसका विरोध सिर्फ इसलिए करते हैं ताकि मुसलमान उनका गुलाम बना रहें और उन्हें वोट देता रहें, वे सरकार बनाते रहें और मुसलमानों को धोखा देते रहें।

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विधानसभा में क्या-क्या हुआ?

सुरेश खन्ना ने धर्म परिवर्तन (संशोधन ) विधेयक पर कहा- 'कोई दोबारा अपराध करेगा तो दोष सिद्ध होने पर दोगुने दंड से दण्डित किया जाएगा और ये गैर जमानती होगा। किसी को बहला-फुसलाकर के धर्म परिवर्तन किया जाएगा तो उसका भी ध्यान इसमें रखा गया है। धर्म परिवर्तन के पीड़ित अभियुक्त द्वारा देय जुर्माना को पीड़ित को दिया जाएगा। इसमें सजा को 14  साल तक किया गया है।'

कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि इसको प्रवर्तन समिति को भेजा जाना चाहिए। धर्म परिवर्तन पर कड़ा कानून बनना चाहिए, अगर जबरदस्ती उसका धर्म परिवर्तन कराया जाए। मैं मानती हूं कि कुछ मामले जो धर्म परिवर्तन के आते हैं, वो गलत होते हैं, पर सब नहीं गलत होते। कुछ स्वेच्छा से भी किए जाते हैं जो कि संविधान में अधिकार है।

इसपर सुरेश खन्ना ने कहा कि मोना जी ने जो कहा है, वो संविधान का आर्टिकल 21 को क्वोट किया है। स्वेच्छा से जो धर्म परिवर्तन करेगा, उस पर किसी तरह का कोई प्रश्न चिन्ह नहीं है। इसमें बहला-फुसलाकर और दबाव देकर करने वालों के खिलाफ कार्यवाही का प्रावधान है।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 30 July 2024 at 20:59 IST