अपडेटेड 30 August 2021 at 22:53 IST

एक दिन के विधानसभा सत्र से पंजाब के लोगों की समस्या का समाधान नहीं होगा : सिद्धू

कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सिद्धू ने राज्य विधानसभा के विशेष सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि एक दिन के सत्र से लोगों की समस्या का समाधान नहीं होगा।

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कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को राज्य विधानसभा के विशेष सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि एक दिन के सत्र से लोगों की समस्या का समाधान नहीं होगा।

उल्लेखनीय है कि गुरु तेग बहादुर के 400वें ‘प्रकाश पर्व’ के मौके पर तीन सितंबर को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है।

पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष सिद्धू के बीच खींचतान चल रही है। क्रिकेट से राजनीति में आए सिद्धू ने सरकार से उपभोक्ताओं को बिजली की दरों में राहत देने के लिए ऊर्जा नियामक को निर्देश देने की मांग सोमवार को ट्विटर के जरिये की।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पंजाब सरकार को जनहित में निजी बिजली संयंत्रों को भुगतान किये जा रहे शुल्क को पुन: निर्धारित करने के लिए पीएसईआरसी को तत्काल निर्देश देना चाहिए और त्रुटिपूर्ण पीपीए (बिजली खरीद समझौता) को अमान्य करना चाहिए। त्रुटिपूर्ण पीपीए को रद्द करने के लिए विधेयक लाने के वास्ते और पांच से सात दिन का विधानसभा सत्र बुलाया जाना चाहिए।’’

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सिद्धू ने कहा, ‘‘इससे पंजाब सरकार को आम श्रेणी के उपभोक्ताओं सहित सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने में मदद मिलेगी, घरेलू बिजली की दर घटाकर तीन रुपये प्रति यूनिट की जाए और उद्योगों के लिए पांच रुपये प्रति यूनिट की दर रखी जाए। इसके साथ ही बकाया सभी बिलों को देखा जाए और अनुचित एवं बढ़े हुए बिलों को माफ किया जाए।’’

अमृतसर पूर्व से विधायक सिद्धू ने अपना एक वीडियो भी अपलोड किया है जिसमें वह त्रुटिपूर्ण पीपीए को प्राथमिकता के आधार पर रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

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सिद्धू ने कहा, ‘‘ जनहित में पंजाब सरकार को पंजाब राज्य बिजली नियामक आयोग (पीएसईआरसी) को निर्देश देना चाहिए और दर आदेश जारी करना चाहिए जिसके आधार पर बिजली की उचित कीमत पर खरीद होनी चाहिए और बढ़ी हुई कीमत पर हस्ताक्षर किए गए पीपीए को अमान्य घोषित करना चाहिए।’’

उन्होंने गुरु तेगबहादुर के 400 वें प्रकाश पर्व पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के राज्य सरकार के फैसले का स्वागत किया। हालांकि, इसके साथ ही कहा, ‘‘ पंजाब के लोगों की जिंदगी सुधारने वाले कई मुद्दों को एक दिन के सत्र में नहीं सुलझाया जा सकता है।’’

उन्होंने कहा कि सत्र कम से कम पांच दिनों का होना चाहिए।

Published By : Press Trust of India (भाषा)

पब्लिश्ड 30 August 2021 at 22:53 IST