अपडेटेड 24 June 2024 at 19:07 IST

ओम बिरला या भर्तृहरि महताब? NDA की ओर से कल होगा स्पीकर के नाम का ऐलान; रेस में ये नाम सबसे आगे

देश के सामने सवाल है अगला स्पीकर कौन होगा? क्या ओम बिरला को एक बार फिर स्पीकर बनाया जाएगा या फिर प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को ये जिम्मेदारी सौंपी जाएगी?

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Om Birla, Bhartrihari Mahtab
ओम बिरला, भर्तृहरि महताब | Image: ANI

18वीं लोकसभा का पहला संसद सत्र शुरु हो चुका है। 24 जून को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित नवनिर्वाचित सांसदों को सांसद पद की शपथ दिलाई। 25 जून को भी नवनिर्वाचित सांसदों को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब शपथ दिलाएंगे। इसी बीच सूत्रों जानकारी सामने आ रही है कि एनडीए कल यानी 25 जून को स्पीकर के नाम का ऐलान करेगा।

ऐसे में देश के सामने सवाल उठ रहा कि अगला स्पीकर कौन होगा? क्या ओम बिरला को एक बार फिर स्पीकर बनाया जाएगा या फिर प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को ये जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। स्पीकर भारतीय जनता पार्टी का होगा या फिर एनडीए से किसी घटक दल के सांसद को स्पीकर बनाया जा रहा है।

स्पीकर की रेस में कौन-कौन शामिल?

सूत्रों की मानें तो स्पीकर की रेस में कई नाम सामने आ रहे हैं जिसमें सबसे पहला नाम तो राजस्थान के कोटा से सांसद और पूर्व लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का है। स्पीकर की रेस में बिरला का नाम सबसे आगे माना जा रहा है। पिछले 5 साल का उनका अनुभव उन्हें एक बार फिर स्पीकर बनाने में मदद कर सकता है।

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वहीं इस रेस में दूसरा नाम प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब का भी बताया जा रहा है। एनडीए उनके नाम पर भी मुहर लगा सकती है। वहीं एक नाम बीजेपी सांसद राधामोहन सिंह का भी सामने आ रहे है लेकिन इन सभी कयासों के इतर भारतीय जनता पार्टी किस किसे स्पीकर बनाएगी ये तो कल ही पता चलेगा। फिलहाल ओम बिरला का नाम सबसे आगे चल रह है।

विपक्ष का क्या है रुख?

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यह तो तय है कि लोकसभा में स्पीकर एनडीए से ही चुना जाएगा, ऐसे में विपक्ष की चाह रहेगी कि डिप्टी स्पीकर उनके खेमे से चुना जाए। 17वीं लोकसभा में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर दोनों ही एनडीए से थे लेकिन इस बार विपक्ष के संख्याबल में इजाफा हुआ है। ऐसे में विपक्ष की पूरी कोशिश रहेगी कि लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद उनके पास रहे।

कितना महत्वपूर्ण है स्पीकर का पद?

लोकसभा के स्पीकर की बात करें तो सदन को सुचारु रुप से नियमानुसार चलाने की जिम्मेदारी स्पीकर के पास ही होती है। विपक्षी सांसदों को सवाल पूछने का उचित समय और मंत्रियों को उनके जवाब देते समय सदन में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी स्पीकर की ही होती है। महत्वपूर्ण बिलों को पास कराने में स्पीकर की निर्णायक भूमिका होती है। 

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 24 June 2024 at 18:58 IST