अपडेटेड 14 January 2025 at 12:38 IST

Emergency में जेल जाने वालों को इस सरकार ने दी बड़ी सौगात, 20 हजार की पेंशन और मुफ्त इलाज की सुविधा, अगर फ्रॉड किया तो...

ये राज्य सरकार आपातकाल के दौरान राज्य की अलग-अलग जेलों में बंद लोगों को अब 20 हजार रुपए मासिक पेंशन और मुफ्त सरकारी इलाज की सुविधा देगी।

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Remembering the 'Dark Days of Free India': Why Did Indira Gandhi Declare Emergency in 1975?
Emergency में जेल जाने वालों को इस सरकार ने दी बड़ी सौगात, 20 हजार की पेंशन और मुफ्त इलाज की सुविधा | Image: File

Government gives Pension People Arrested During Emergency 1975: ओडिशा की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने साल 1975 में इंदिरागांधी की लगाई गई इमरजेंसी को लेकर हुई गिरफ्तारियों पर बड़ा ऐलान किया है। ओडिशा सरकार इमरजेंसी में गिरफ्तार हुए लोगों को 20 हजार रुपये की मासिक पेंशन और मुफ्त में इलाज देने का ऐलान कर दिया है। साल 1975 में इंदिरा गांधी ने रायबरेली लोकसभा सीट से गलत तरीके से चुनाव जीता था। 'जायंट किलर' के नाम से मशहूर और इंदिरा गांधी को चुनावी शिकस्त देने वाले राज नारायण ने चुनाव आयोग में इस बात की शिकायत दर्ज करवाई थी कि इंदिरा गांधी ने लोकसभा चुनाव में अपने पद का दुरुपयोग किया था।

ओडिशा की बीजेपी सरकार ने ऐलान किया है कि वो आपातकाल के दौरान राज्य की अलग-अलग जेलों में बंद लोगों को अब 20 हजार रुपए मासिक पेंशन और मुफ्त सरकारी इलाज की सुविधा देगी। सूबे के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने खुद इस बात का ऐलान किया है। ओडिशा के गृह विभाग ने जारी किए गए एक आधिकारिक आदेश में कहा है कि राज्य सरकार ने सावधानी पूर्वक विचार करने के बाद 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के दौरान लगी इमरजेंसी में मीसा (आंतरिक सुरक्षा अधिनियम, 1971) या डीआईआर (भारत की रक्षा नियम) या डीआईएसआईआर (भारत की रक्षा और आंतरिक सुरक्षा नियम) के तहत ओडिशा की जेलों में बंद लोगों को पेंशन और अन्य लाभ देने का फैसला किया है।


1975 में इंदिरा गांधी ने लगाई थी इमरजेंसी

साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रायबरेली से गलत तरीके से चुनाव जीता था। इसके बाद उनके खिलाफ लड़ने वाले सोशलिस्ट पार्टी के नेता राज नारायण ने इस चुनाव को लेकर चुनाव आयोग में उचित तरीके से शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रायबरेली से इंदिरा गांधी के चुनाव को निरस्त कर दिया था। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को शिकस्त खानी पड़ी थी जिसके बाद उन्होंने अपनी सत्ता बचाने के लिए ये हथकंडा अपनाया था। इंदिरा गांधी ने देश के लिए आंतरिक और बाहरी खतरों का हवाला देते हुए 1975 से 1977 के बीच 21 महीने का राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया था। ओडिशा में राज्य सरकार का यह कदम BJP के राजनीतिक एजेंडे का भी हिस्सा है, जो इमरजेंसी की कड़ी आलोचक रही है।


किसे मिलेगा आपातकाल पेंशन का लाभ?

जिन लोगों को आपातकाल के दौरान 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक आंतरिक सुरक्षा अधिनियम, भारत रक्षा नियम (डीआईआर) और भारत रक्षा और आंतरिक सुरक्षा नियमों के तहत गिरफ्तार कर जेलों में डाला गया था ऐसे लोग इस पेंशन के पात्र होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि ऐसे लगभग 300 लोग हैं अगर कोई शख्स इसमें धोखाधड़ी करते हुए पकड़ा जाएगा तो उसे भुगतान की गई राशि का 12 फीसदी ब्याज के साथ सरकार वसूली करेगी।  

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राज्य सरकार देगी पेंशन का खर्च

इसके पहले साल 2025 के दूसरे ही दिन मतलब 2 जनवरी को ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आंतरिक सुरक्षा अधिनियम भारत रक्षा नियम के तहत आपातकाल के दौरान प्रदेश में गिरफ्तारी के बाद जेल में बंद लोगों के लिए मासिंक पेंशन और फ्री मेडिकल सर्विस का ऐलान किया था। राज्य सरकार इन लोगों को दी जाने वाली पेंशन का भुगतान करेगी। ओडिशा से पहले देश के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और असम सहित कई राज्यों में ये योजना पहले से ही लागू है। अब एक जनवरी 2025 से ये स्कीम ओडिशा में भी प्रभावी हो जाएगी। 

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 14 January 2025 at 12:38 IST