अपडेटेड 10 December 2024 at 21:30 IST
'राहुल के प्रति INDI में अविश्वास को दबाने के लिए धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव', BJP का पलटवार
बीजेपी सांसद ने कहा कि विदेश में बैठी शक्तियां, सोरोस फाउंडेशन जो काम कर रहा है, बीते 7-8 साल से भारत की हर व्यवस्था पर अघात किया जा रहा है।
- भारत
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बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्यसभा में उपराष्ट्रपति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष द्वारा लाया गया है, ये इंडी गठबंधन में एक मुद्दा दूसरे से चुराकर गला काट स्पर्धा से उपजा है। कांग्रेस और राहुल गांधी के प्रति इंडिया गठबंधन में अविश्वास पूरी तरह प्रकट हो जाने के बाद उसे कवरअप करने के लिए ये कांग्रेस का प्रयास है। जिसमें जाने-अनजाने में इंडी गठबंधन के दल शामिल हो गए हैं।
बीजेपी सांसद ने कहा कि विदेश में बैठी शक्तियां, सोरोस फाउंडेशन जो काम कर रहा है, बीते 7-8 साल से भारत की हर व्यवस्था पर अघात किया जा रहा है। इन्होंने चुनाव आयोग पर भी आक्षेप किया और अब वो उभरता हुआ संवैधानिक पदों तक आ गया है। ये भारत की व्यवस्थाओं की गरिमा कम करने का सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा दिखाई पड़ रहा है। कांग्रेस और सोरोस की लैंडमाइन जो जमीन के नीचे थी, वो उभरकर सामने आ गई है।
"भारत की हर व्यवस्था और संसद की गरिमा को कम करने के लिए सात समुंदर पार से उठे सुर में ताल लगाने के लिए जो काम पिछले 7-8 साल से किया जा रहा है, ये अविश्वास प्रस्ताव उसकी कड़ी भर है।"
क्या है अविश्वास प्रस्ताव लाने के नियम
राज्यसभा के सभापति को हटाने के लिए 50 सांसदों के साइन किया हुआ एक नोटिस देना होता है। अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस के लिए 14 दिन पहले सदन को सूचित करना पड़ता है। राज्यसभा में प्रस्ताव साधारण बहुमत से पास होने के बाद उसे लोकसभा से भी पास करवाना जरूरी होता है, दोनों सदनों की मंजूरी के बिना प्रस्ताव खारिज हो जाएगा।
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Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 10 December 2024 at 21:30 IST