अपडेटेड 27 January 2024 at 08:30 IST
नीतीश को लेकर महागठबंधन में मची खलबली, NDA में वापसी के दिए संकेत
Bihar Politics : नीतीश कुमार ने गणतंत्र दिवस को राजभवन में आयोजित जलपान समारोह में भाग लिया पर तेजस्वी यादव उसमें नहीं गए थे।
- भारत
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बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के अपना रुख एक बार फिर बदल कर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में वापसी के संकेतों के बीच सत्तारूढ़ महागठबंधन में अनिश्चितता के बादल छाये हुए प्रतीत हो रहे हैं। राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता को लेकर जारी अटकलों को उस समय और बल मिला जब नीतीश कुमार ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर यहां राजभवन में आयोजित जलपान समारोह में भाग लिया पर उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव इस समारोह में शामिल नहीं हुए।
राजभवन में आयोजित समारोह के दौरान मुख्यमंत्री को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा सहित अन्य आगंतुकों के साथ अभिवादन करते देखा गया। समारोह से बाहर निकलते हुए, कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि यह यादव और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी सहित राजद के अन्य नेताओं का काम है कि वे इस पर टिप्पणी करें कि वे (तेजस्वी यादव एवं पार्टी के अन्य नेता) समारोह में क्यों नहीं आये। राजद की ओर से राज्य के शिक्षा मंत्री आलोक मेहता उपस्थित थे। हालांकि, न तो मेहता और न ही राजद के किसी अन्य नेता ने यादव की अनुपस्थिति पर कोई टिप्पणी की।
JDU चीफ स्थिति स्पष्ट करेंगेः RJD
बताया जाता है कि तेजस्वी यादव ने कुमार के गठबंधन तोड़ने का फैसला करने की स्थिति में सत्ता जाने से रोकने की रणनीति बनाने के लिए अपने आवास पर पार्टी के करीबी नेताओं के साथ बैठक की। राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार इन अफवाहों के बीच स्थिति स्पष्ट करेंगे कि क्या वह भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (RJD) में वापस जाने की योजना बना रहे हैं।
RJD की टिप्पणी पर JDU का पलटवार
झा की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर राज्य में JDU के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए कहा, 'हमारे नेता महागठबंधन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री आवास में हैं। भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। लेकिन अगर कुछ लोग अभी भी भ्रम में हैं तो हम इसमें कुछ नहीं कर सकते।' जद(यू) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने भी इन खबरों का खंडन किया। कुशवाहा ने संवाददाताओं से कहा, ‘बिहार के सत्तारूढ़ महागठबंधन में सब कुछ ठीक है और मीडिया की अटकलें किसी एजेंडे से प्रेरित हैं।’
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अफवाहों में सच्चाई नहीं
उन्होंने यह भी कहा, 'मैं कल और आज भी मुख्यमंत्री से मिला हूं। यह एक नियमित मुलाकात थी। अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है। हम उन अफवाहों को भी खारिज करते हैं कि पार्टी विधायकों को तुरंत पटना आने के लिए कहा गया है।' नीतीश अगस्त 2022 में भाजपा से नाता तोड़ने के बाद अपने पूर्व चिर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद की पार्टी राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो गए थे। उस वक्त नीतीश ने भाजपा पर जेडीयू में विभाजन की कोशिश करने का आरोप लगाया था।
नीतीश कुमार ने किया था इंडी गठबंधन का संयोजन
बिहार में महागठबंधन की नयी सरकार बनाने के बाद यहां सबसे लंबे समय तक सेवारत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा को केंद्र में सत्ता से उखाड फेंकने के लिए देश भर में सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने का अभियान शुरू किया जिसकी परिणति विपक्षी गुट I-N-D-I-A के गठन के रूप में हुई। नीतीश ने एक तरह से तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हुए यह घोषणा की थी कि राजद नेता 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का नेतृत्व करेंगे। नीतीश की इस घोषणा के बाद जद(यू) में नाराजगी फैल गई जिसके कारण उपेन्द्र कुशवाहा जैसे उनके करीबी सहयोगी को पार्टी छोड़नी पड़ी।
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 27 January 2024 at 08:30 IST