अपडेटेड 2 September 2023 at 12:58 IST
किसी की हां, किसी की न... 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर 'I-N-D-I-A' में उभर रहे एक के बाद एक मतभेद?
नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकजुट होने वाला विपक्ष 'एक देश-एक चुनाव' के मुद्दे पर एकमत नहीं दिख रहा है। 'I-N-D-I-A' गठबंधन के नेता इस मुद्दे पर अलग-अलग बयानबाजी कर रहे हैं।
- भारत
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलग-अलग मंचों से बार-बार कहते रहे हैं कि एक देश-एक चुनाव की जरुरत है। सालों से देश में इस मुद्दे पर चर्चा चल भी रही है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने वन नेशन, वन इलेक्शन की दिशा में अहम कदम आगे बढ़ा दिया है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर दी है। सरकार ने संसद का विशेष सत्र भी बुला लिया है और चर्चाएं हैं कि 'एक देश-एक चुनाव' से जुड़ा विधेयक संसद में लाया जा सकता है।
खबर में आगे पढ़ें:-
- देश में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर छिड़ी बहस
- सरकार विशेष सत्र में ला सकती है इस पर बिल
- अब विपक्ष तय नहीं कर पा रहा है अपनी स्थिति
'I-N-D-I-A' अलग-अलग मत
'एक देश-एक चुनाव' से जुड़ा बिल संसद से पास हुआ तो 'एक देश-एक चुनाव' का रास्ता साफ हो जाएगा, यानी आने वाले समय में भारत में सभी चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। हालांकि नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकजुट होने वाला विपक्ष इस मुद्दे पर एकमत नहीं दिख रहा है। 'I-N-D-I-A' गठबंधन के नेता इस मुद्दे पर अलग-अलग बयानबाजी कर रहे हैं।
नीतीश कुमार ने किया समर्थन!
विपक्षी गठबंधन के सूत्रधार कहे जाने वाले नीतीश कुमार खुद इसके समर्थन में उतर आए हैं। शनिवार को नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार बहुत कुछ कर रही है, लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने की बात हो रही है। बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि ये तो पहले भी होता था, ये बहुत अच्छा है।
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तेजस्वी यादव ने दूसरे मुद्दे पर दिया जोर
हालांकि बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की जगह 'वन नेशन, वन इनकम' पर जोर दे रहे हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' से पहले उन्हें 'वन नेशन, वन इनकम' करनी चाहिए। पहले लोगों के साथ आर्थिक न्याय करें। वे (भाजपा) पूरे देश पर कब्ज़ा करना चाहते हैं।
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अखिलेश बता रहे भटकाने वाला मुद्दा
अखिलेश यादव 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को भटकाने वाला मुद्दा बता रहे हैं। अखिलेश यादव कहते हैं, 'यह सिर्फ I-N-D-I-A गठबंधन की बैठक से ध्यान भटकाने के लिए किया गया है। यह एक राष्ट्र-एक चुनाव सिर्फ धोखा देने के लिए है।' हालांकि अखिलेश यादव ये भी कहते हैं कि अगर पूरे देश में एक चुनाव हो जाए तो हमसे ज्यादा खुश और कौन होगा, लेकिन अखिलेश इसके लिए पहले यूपी विधानसभा की तरफ बात ज्यादा कर रहे हैं।
टीएस सिंह देव ने बताया आपत्तिजनक
'एक राष्ट्र-एक चुनाव' पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव कहते हैं, "इसका उद्देश्य क्या है? अगर इसका उद्देश्य कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को आगे काम नहीं करने देना है तो यह आपत्तिजनक है, इसका कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं होना चाहिए।'
बीजेपी का तर्क क्या?
भारतीय जनता पार्टी पहले से ही वन नेशन, वन इलेक्शन के पक्ष में रही है। कई बार प्रधानमंत्री तो गृह मंत्री अमित शाह भी इसकी बात कर चुके हैं। हालिया चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'वन नेशन वन इलेक्शन एक अभिनंदनीय प्रयास है। ये आज की जरूरत है। बार-बार चुनाव विकास कार्यों में बाधा पैदा करती है। चुनाव की प्रक्रिया को कम से कम 1.5 महीने का समय लगता है। इसके लिए आवश्यक है कि लोकसभा विधानसभा और अन्य सभी प्रकार के चुनावों का हम एक साथ आयोजन करें।'
आसान नहीं 'एक राष्ट्र-एक चुनाव'
हालांकि बीजेपी के लिए ये राह आसान नहीं हैं। लोकसभा और विधानसभा के साथ में चुनाव कराने को लेकर कई चुनौतियां है। इस बारे में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत कहते हैं, '2015 में सरकार ने चुनाव आयोग से पूछा कि क्या ऐसे चुनाव दोबारा कराना संभव है तो चुनाव आयोग ने सरकार को बताया कि कुछ संसोधन के बाद ये संभव हो सकता है। संसोधन कराना सरकार की जिम्मेदारी है।'
बताते चलें कि एक राष्ट्र-एक चुनाव के लिए सरकार को संसद में संविधान संशोधन करना होगा। अनुच्छेद-83 में संशोधन करना पड़ेगा, जिसमें समयावधि है। अनुच्छेद-85 में संशोधन करना पड़ेगा, जिसमें लोकसभा भंग का प्रावधान है। इसके अलावा अनुच्छेद-172 में भी संशोधन करना होगा, जिसमें विधानसभा की समयावधि है। साथ ही जनप्रतिनिधि एक्ट-1951 में भी बदलाव करना होगा।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 2 September 2023 at 11:26 IST
