अपडेटेड 16 March 2025 at 09:51 IST

'जो करेगा जात की बात, उसे मारूंगा कस के लात', कास्ट पॉलिटिक्स पर बोले नितिन गडकरी; कहा- चाहे चुनाव हार जाऊं, लेकिन...

नितिन गडकरी ने कहा कि मैं तो राजनीति में हूं और यहां यह सब चलता रहता है, लेकिन मैं इससे इनकार करता हूं, जिसको वोट देना होगा देगा, नहीं देना होगा नहीं देगा।

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Nitin Gadkari
Nitin Gadkari | Image: PTI/File

Nitin Gadkari News: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अलग अंदाज में राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं, जिसके चलते वह सुर्खियों में भी रहते हैं। उन्होंने एक बार फिर दोहराया है कि वह अपने सिद्धांतों पर कायम रहेंगे। फिर चाहे वह चुनाव में हार क्यों न जाए या फिर उन्हें मंत्री पद गंवाना पड़े, लेकिन कभी समझौता नहीं करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान कास्ट पॉलिटिक्स पर भी खुलकर अपनी राय रखी।

गडकरी ने कहा कि वह कभी जाति की राजनीति नहीं करेंगे। इस दौरान उन्होंने यह भी कहते नजर आए कि जो करेगा जात की बात, उसके मारूंगा कस के लात।  

गडकरी ने कहा- मुस्लिम समाज को सबसे ज्यादा शिक्षा की जरूरत

नितिन गडकरी ने शनिवार (15 मार्च) को नागपुर में एक अल्पसंख्यक संस्थान के दीक्षांत कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि जब मैं MLA था,  तो मुझे एक इंजीनियरिंग कॉलेज मिला। इससे मैंने अंजुमन इस्लाम को दे दिया।

उन्होंने कहा कि हमारे समाज में सबसे ज्यादा शिक्षा की आवश्यकता मुस्लिम समाज में है। मुस्लिम समाज में पांच ही धंधे सबसे लोकप्रिय हुए हैं... चाय की टपरी, पान ठेला, कबाड़ी की दुकान, ट्रक ड्राइवर और क्लीनर। अगर मुस्लिम समुदाय से ज्यादा इंजीनियर, IPS और IAS अधिकारी आएंगे, तो सभी प्रगति करेंगे।

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इस दौरान उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर अब्दुल कलाम न्यूक्लियर साइंटिस्ट बने। उन्होंने ऐसा काम किया कि आज उनका नाम देश में नहीं पूरे विश्व में पहुंचा हुआ है। हम मस्जिद में एक बार नहीं 100 बार नमाज पढ़ें, लेकिन हम विज्ञान और तंत्र विज्ञान को  आत्मसात नहीं करेंगे तो हमारा भविष्य क्या होगा?

‘मैं कभी जाति की राजनीति नहीं करूंगा’

नितिन गडकरी ने इस दौरान कास्ट पॉलिटिक्स पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति अपनी जाति, संप्रदाय, धर्म, भाषा या लिंग से नहीं जाना जाता। केवल अपने गुणों से जाना जाता है। इसलिए हम जाति, संप्रदाय, धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करेंगे। मैं तो राजनीति में हूं और यहां यह सब चलता रहता है, लेकिन मैं इससे इनकार करता हूं, जिसको वोट देना होगा देगा, नहीं देना होगा नहीं देगा।

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उन्होंने कहा कि बहुत से लोग जाति के आधार पर मुझसे मिलने आते हैं। मैंने 50,000 लोगों से कहा, ' जो करेगा जात की बात, उसके कस के मारूंगा लात।' मेरे दोस्तों ने मुझसे कहा कि ऐसा कहकर मैंने खुद को नुकसान किया है। मैंने कहा जो होगा सो होगा। अगर चुनाव जीतता नहीं है तो आदमी मरता थोड़ी है। मंत्री पद नहीं मिला तो। लेकिन मैं अपने उसूलों के साथ इस पर कायम रहूंगा।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 16 March 2025 at 09:51 IST