अपडेटेड 9 February 2024 at 17:11 IST
मोदी सरकार ने खोली 'सम्मान की झोली', 10 साल में दिए 10 भारत रत्न, जानिए मनमोहन काल में कितने मिले
Bharat Ratna Award : मोदी सरकार ने इस साल अब तक पांच लोगों को भारत रत्न (Bharat Ratna) देने की घोषणा की है, जोकि अब तक सबसे ज्यादा है।
- भारत
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Bharat Ratna Award : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi government) ने देश के लिए अतुलनीय योगदान देने के लिए पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh), पूर्व प्रधान मंत्री पी.वी नरसिम्हा राव (PV Narasimha Rao) और भारतीय कृषिशास्त्री एम.एस स्वामीनाथन को भारत रत्न (Bharat Ratna) सम्मान (मरणोपरांत) देने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को X पर पोस्ट के जरिए इसकी घोषणा करते हुए तीनों के योगदान की सराहना की। इस साल अब तक पांच लोगों को भारत रत्न देने की घोषणा हुई है, जो कि अब तक की सर्वाधिक संख्या है।
इससे पहले साल 1999 में एक बार में चार लोगों को भारत रत्न दिया गया था। कुछ दिनों पहले ही सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) और पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) के लिए भारत रत्न की घोषणा की थी। पिछली सरकार की अगर बात करें तो पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार में 12 लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। इनमें उनका खुदका नाम भी शामिल था। वहीं, इंदिरा गांधी की सरकार में 6 लोगों को भारत रत्न दिया गया था।
मोदी सरकार ने खोली 'सम्मान की झोली'
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में साल 2014 देश की सत्ता संभाली थी। केंद्र की NDA सरकार अपने इस 10 साल के कार्यकाल में 10 लोगों को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दे चुकी है। वहीं, UPA की डॉक्टर मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) से अगर इसकी तुलना करें तो यह आंकड़ा तीन गुना ज्यादा है। 2004 से 2014 के बीच UPA की सरकार में मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते तीन लोगों को भारत रत्न सम्मान दिया गया था।
इन 5 लोगों को मिलेगा भारत रत्न
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेता और 1979-80 में प्रधानमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह ऐसे समय में कांग्रेस विरोधी राजनीति के धुरी के रूप में उभरे थे, जब देश भर में उसका वर्चस्व था। संयुक्त आंध्र प्रदेश में कांग्रेस नेता पी.वी नरसिम्हा राव 1991-96 तक देश के प्रधानमंत्री रहे और उन्हें आर्थिक सुधारों के लिए जाना जाता है। जबकि डॉ. स्वामीनाथन दुनिया के ख्याति प्राप्त कृषि वैज्ञानिक थे। सरकार कृषि और किसान कल्याण में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित कर रही है। उल्लेखनीय है कि 60 और 70 के दशक में उनके नेतृत्व में वैज्ञानिक शोध के जरिए देश में अनाज उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि हुई थी। स्वामीनाथन का पिछले साल सितंबर महीने में चेन्नई में निधन हो गया था।
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क्या चुनान में मिलेगा लाभ?
3 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा की थी और इसके कुछ ही दिनों के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) ने राजग का दामन थाम लिया था। हाल ही में सरकार ने देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को भी भारत रत्न से नवाजे जाने की घोषणा की थी।
कर्पूरी ठाकुर के बाद चौधरी चरण सिंह और नरसिम्हाव राव को भारत रत्न देने की घोषणा को आगामी लोकसभा चुनाव में लाभ मिल सकता है। तीनों दिवंगत नेताओं की पृष्ठभूमि गैर-बीजेपी रहा है। इस साल 5 पुरस्कारों में से चार मरणोपरांत हैं। 96 साल के लाल कृष्ण आडवाणी इस साल भारत रत्न के लिए नामित किए जाने वाले एकमात्र जीवित नेता हैं। लाल कृष्ण आडवाणी बीजेपी के बड़े नेता हैं। उनका सम्मान देने से बीजेपी कार्यकर्ता में जोश है।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 9 February 2024 at 17:11 IST