अपडेटेड 8 August 2024 at 17:03 IST
विपक्ष के वो कौन MP हैं, जिन्होंने रिजिजू को किया था वक्फ बिल पर समर्थन का वादा?मंत्री ने किया इशारा
लोकसभा में किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया। फिलहाल बिल को अलग-अलग दलों की मांग पर संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया है।
- भारत
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Kiren Rijiju: वक्फ संशोधन विधेयक पर विपक्ष जमकर शोर मचा रहा है, लेकिन विरोधी पार्टियों के कई सांसद अंदरखाने विधेयक के समर्थन में खड़े हैं। लोकसभा में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इसका खुलासा किया है। किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को पेश किया और उन्होंने इस दौरान विपक्ष के आरोपों का भी जवाब दिया। लोकसभा में गुरुवार को विधेयक पेश होने पर ज्यादातर विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी (एससीपी), समाजवादी पार्टी और डीएमके समेत कई विपक्षी दलों ने सदन में आपत्ति दर्ज कराई। इसके बाद किरेन रिजिजू ने कहा कि कई सांसदों ने मुझे कहा कि पार्टी तो विरोध कर रही है हम लोग अंदर से समर्थन कर रहे हैं। हालांकि किरेन रिजिजू ने इन सांसदों के नाम नहीं बताए हैं।
लोकसभा में अपनी बात रखते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'वक्फ बोर्ड के बारे में कई सदस्यों ने जिक्र किया है। निजी तौर पर कई ऐसे सदस्य हैं, जिन्होंने मुझे आकर कहा है कि देश में जितने भी वक्फ बोर्ड हैं, माफिया लोगों ने कब्जा कर लिया है। कई लोग कह रहे हैं, लेकिन आज सदन में ये नहीं बोल रहे हैं।' अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रिजिजू ने आगे कहा, 'सदन में अपनी-अपनी पार्टी के दबाव या किसी के डर से या वोटबैंक के चक्कर से, ये लोग नहीं बोल रहे हैं। हालांकि निजी तौर पर कई लोग आकर कहते हैं, लेकिन इन लोगों के नाम नहीं बता सकता हूं। मैं इन लोगों का राजनीतिक करियर खराब नहीं करूंगा। कौन-कौन से सांसद ने मुझे आकर बताया है कि पार्टी विरोध कर रही है, लेकिन अंदर से हम समर्थन दे रहे हैं। मैं इन लोगों का नहीं लूंगा, नाम लेकर इन नेताओं का राजनीतिक करियर बर्बाद नहीं करूंगा।'
किरेन रिजिजू ने सदन में विधेयक का बचाव किया
विपक्ष की ओर से केंद्र सरकार पर किए गए चौतरफा हमले के बीच अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में विधेयक का बचाव किया और कहा कि ये 'किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप' नहीं है। उन्होंने सदन में कहा, 'इस विधेयक से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। किसी के अधिकार छीनने की बात तो भूल ही जाइए, ये विधेयक उन लोगों को अधिकार देने के लिए लाया गया है जिन्हें कभी अधिकार नहीं मिले। आज लाया जा रहा ये विधेयक सच्चर समिति (जिसने सुधार की बात कही थी) की रिपोर्ट पर आधारित है, जिसे आपने (कांग्रेस ने) बनाया था।' फिलहाल लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को पेश किए जाने के बाद अलग-अलग दलों की मांग पर इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया है।
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वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 क्या है?
विधेयक में किसी भी वक्फ संपत्ति के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का प्रस्ताव है, ताकि संपत्ति का मूल्यांकन किया जा सके। इसमें ये भी कहा गया है कि 'इस अधिनियम के लागू होने से पहले या बाद में वक्फ संपत्ति के रूप में पहचानी गई या घोषित की गई कोई भी सरकारी संपत्ति वक्फ संपत्ति नहीं मानी जाएगी'। जिला कलेक्टर ये तय करने वाला मध्यस्थ होगा कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या सरकारी भूमि और ये निर्णय अंतिम होगा। एक बार निर्णय लेने के बाद कलेक्टर राजस्व रिकॉर्ड में आवश्यक परिवर्तन कर सकता है और राज्य सरकार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकता है। विधेयक में ये भी कहा गया है कि कलेक्टर की ओर से राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश करने तक ऐसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा।
विधेयक पर विपक्ष क्यों कर रहा हंगामा?
विपक्षी दलों का आरोप है कि इस प्रस्ताव का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को उनकी भूमि, संपत्ति और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 26 के तहत गारंटीकृत 'धार्मिक मामलों के प्रबंधन की स्वतंत्रता' से वंचित करना है। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल कहते हैं कि ये विधेयक संविधान पर एक मौलिक हमला है। इस विधेयक के माध्यम से वो (सरकार) ये प्रावधान कर रहे हैं कि गैर-मुस्लिम भी वक्फ गवर्निंग काउंसिल के सदस्य होंगे। ये धर्म की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। विधेयक का विरोध करते हुए डीएमके सांसद कनिमोझी कहती हैं, 'ये अनुच्छेद 30 का सीधा उल्लंघन है जो अल्पसंख्यकों को अपने संस्थानों का प्रशासन करने से संबंधित है। ये विधेयक एक विशेष धार्मिक समूह को लक्षित करता है।' आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन का कहना है कि ‘आप वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद को पूरी तरह से शक्तिहीन कर रहे हैं। आप व्यवस्था को खत्म कर रहे हैं। ये संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है।’
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 8 August 2024 at 17:03 IST