अपडेटेड 16 February 2025 at 13:39 IST

मायावती ने अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी को लेकर तय की शर्तें, भतीजे आकाश आनंद को भी दे दिया सख्त संदेश

Mayawati: मायावती ने अपने पोस्ट में आकाश आनंद को कहीं ना कहीं इशारों में याद कराया है कि बहुजन समाज पार्टी में स्वार्थ, रिश्ते-नाते आदि महत्वहीन हैं।

Follow : Google News Icon  
BSP Chief Mayawati with her nephew Akash Anand
मायावती ने आकाश आनंद को अल्टीमेटम दिया. | Image: PTI/File

BSP Chief Mayawati: मायावती के अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाएं बार-बार होती रही हैं। हालांकि बहुजन समाज पार्टी और मूवेंट का वास्तविक उत्तराधिकारी वही जो तकलीफ उठाकर आखिरी सांस तक लड़ सके। पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा की सुप्रीमो मायावती खुद ये शर्त तय कर चुकी हैं। मायावती ने अपने उत्तराधिकारी को लेकर जहां शर्तों को बताया तो वहीं अपने भतीजे आकाश आनंद को भी कहीं ना कहीं अल्टीमेटम दे दिया है, जो बसपा में मायावती के बाद प्रबल राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाते हैं।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का उत्तराधिकारी को लेकर जवाब ऐसे समय आया है, जब भतीजे आकाश आनंद के ससुर को 4 दिन पहले ही उन्होंने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया। आकाश आनंद अभी बहुजन समाज पार्टी में राष्ट्रीय सचिव हैं, लेकिन मायावती ने रिश्ते-नातों के महत्व से हटकर आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ और करीबी नितिन सिंह को बसपा से निकाला। अब उत्तराधिकारी को लेकर कुछ कड़े इम्तिहान तय करना आकाश आनंद के लिए एक अल्टीमेटम माना जाता है।

बसपा में स्वार्थ, रिश्ते-नाते आदि महत्वहीन - मायावती

मायावती ने अपने पोस्ट में आकाश आनंद को कहीं ना कहीं इशारों में ही याद कराया है कि बसपा में स्वार्थ, रिश्ते-नाते आदि महत्वहीन हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने 'X' पर अपने 5 अलग-अलग पोस्ट में उत्तराधिकारी को लेकर एक तरीके से शर्तों का जिक्र किया है। मायावती ने शुरुआत में अपने परिश्रम के बारे में बताया और लिखा- 'बीएसपी देश में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के मानवतावादी आत्मसम्मान और स्वाभिमान के कारवां को सत्ता तक पहुंचाने के लिए मान्यवर कांशीराम की ओर से सब कुछ त्यागकर स्थापित की गई पार्टी और मूवमेन्ट, जिसमें स्वार्थ, रिश्ते-नाते आदि महत्वहीन और बहुजन-हित सर्वोपरि है।'

यह भी पढ़ें: राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के महाकुंभ में डुबकी लगाने से पहले विवाद

Advertisement

हर कुर्बानी देकर संघर्ष जारी रखूंगी- मायावती

मायावती अभी खुद बसपा की जिम्मेदारी संभाल रही हैं और उन्होंने इस बार स्पष्ट कर दिया है कि वो आखिरी सांस तक कुर्बानी देकर अपना संघर्ष जारी रखेंगी। मायावती लिखती हैं- 'कांशीराम की शिष्या और उत्तराधिकारी होने के नाते उनके पदचिन्हों पर चलते हुए मैं भी अपनी आखिरी सांस तक हर कुर्बानी देकर संघर्ष जारी रखूंगी, ताकि बहुजन समाज के लोग राजनीतिक गुलामी और सामाजिक लाचारी के जीवन से मुक्त होकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें।'

उत्तराधिकारी को लेकर मायावती ने रखी शर्तें

इसके बाद मायावती ने अपने उत्तराधिकारी को लेकर शर्तें रखीं। उन्होंने 'X' पर किए पोस्ट में लिखा- 'कांशीराम की तरह ही मेरे जीते जी भी पार्टी और मूवमेंट का कोई भी वास्तविक उत्तराधिकारी तभी जब वो भी कांशीराम के अंतिम सांस तक उनकी शिष्या की तरह पार्टी और मूवमेंट को हर दुख-तकलीफ उठाकर उसे आगे बढ़ाने में पूरे जी-जान से लगातार लगा रहे।  साथ ही देशभर में बीएसपी के छोटे-बड़े सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भी पार्टी प्रमुख की ओर से निर्देश, निर्धारित अनुशासन और दायित्व के प्रति पूरी निष्ठा और ईमानदारी से जवाबदेह होकर पूरे तन, मन, धन से लगातार काम करते रहना जरूरी है।'

Advertisement

अपनी शर्तों के साथ मायावती आखिर में लिखती हैं- 'इसी जिम्मेदारी के साथ खासकर कैडर के बल पर जमीनी स्तर पर पार्टी संगठन की मजबूती और सर्वसमाज में जनाधार को बढ़ाने के साथ ही आगे भी हर चुनाव की तैयारी में पूरी दमदारी के साथ लगना है, ताकि बहुजन समाज की एकमात्र आशा की किरण बीएसपी को अपेक्षित और प्रतीक्षित सफलता मिल सके।'

यह भी पढ़ें: केजरीवाल के ‘शीशमहल’ का विस्तार किए जाने के आरोपों की जांच होगी: भाजपा

Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 16 February 2025 at 13:39 IST