अपडेटेड 29 August 2024 at 17:14 IST
महाराष्ट्र: शिवाजी की प्रतिमा गिरने के खिलाफ NCP ने मौन प्रदर्शन किया
महाराष्ट्र सरकार में शामिल अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर जाने की घटना को लेकर राज्य भर में मौन प्रदर्शन किया।
- भारत
- 3 min read

Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार में शामिल अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर जाने की घटना को लेकर बृहस्पतिवार को राज्य भर में मौन प्रदर्शन किया और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वहीं, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हर किसी को आंदोलन करने का अधिकार है। सिंधुदुर्ग की मालवण तहसील में राजकोट किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई। इसका अनावरण करीब नौ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।
यह घटना एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले चुकी है और विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) ने इसे लेकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर निशाना साधा है। विपक्षी नेताओं ने बुधवार को घोषणा की कि प्रतिमा ढहने की घटना के खिलाफ एमवीए एक सितंबर को मुंबई में मार्च निकालेगी, जबकि सत्तारूढ़ राकांपा ने भी कहा था कि वह बृहस्पतिवार को राज्य के हर जिले और तहसील में मौन विरोध प्रदर्शन करेगी और उसी स्थान पर महान मराठा शासक की एक मजबूत और बड़ी प्रतिमा स्थापित करने की मांग करेगी।
राज्यभर में प्रदर्शन करने वाले राकांपा कार्यकर्ताओं ने तहसीलदारों और जिलाधिकारियों को एक ज्ञापन भी सौंपा और प्रतिमा की खराब गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार कलाकार एवं अन्य लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। राकांपा का विरोध इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि पार्टी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के तीन घटक दलों में से एक है और मूर्ति के गिरने से उत्पन्न भारी आक्रोश के बीच संभावित राजनीतिक परिणामों पर विचार कर रही है।
नांदेड़ में अजित पवार की जनसम्मान यात्रा के दौरान राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर जाना दुखद है और उनकी पार्टी ने घटना के खिलाफ प्रदर्शन करने का फैसला किया है क्योंकि सभी को ऐसा करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में सभी को आंदोलन का अधिकार है। मालवण में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। हम इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।’’
Advertisement
शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे के बुधवार के राजकोट दुर्ग दौरे के समय भाजपा नेता नारायण राणे के समर्थकों और शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के दौरान, राणे के खबरों में आए बयान पर तटकरे ने कहा, ‘‘राणे का बयान अनुचित है। मूर्ति गिरने की घटना दुखद है, लेकिन इस तरह की भाषा एक जिम्मेदार नेता को शोभा नहीं देती। यह महाराष्ट्र की संस्कृति के अनुरूप नहीं है।’’
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 29 August 2024 at 17:14 IST