Published 18:29 IST, November 30th 2024
'जगताप पर हो कानूनी कार्रवाई...', चुनाव आयोग के खिलाफ विवादास्पद बयान पर भड़के रामदास अठावले
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कांग्रेस नेता भाई जगताप के चुनाव आयोग पर दिए गए विवादित बयान मामले पर कहा है कि इस तरह की बयानबाजी ठीक नहीं है।
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केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कांग्रेस नेता भाई जगताप के चुनाव आयोग पर दिए गए विवादित बयान मामले पर कहा है कि इस तरह की बयानबाजी ठीक नहीं है। भाई जगताप को माफी मांगनी चाहिए। अगर वो माफी नहीं मांगते हैं तो उनपर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
रामदास अठावले ने कहा कि जो लोगों ने जनादेश दिया है, उसको उन्हें स्वीकारना चाहिए। जनता के मन में था ये संविधान का प्रचार गलत कर रहे हैं। बाबा साहेब का संविधान कोई बदल नहीं सकता, आरक्षण कोई निकाल नहीं सकता है, ये उनके ध्यान में आ गया है, इसलिए हमें दलितों ने भी बड़ी संख्या में वोट किया है। चुनाव आयोग पर गुस्सा उतारना ठीक नहीं है, चुनाव आयोग का क्या दोष है ? लोगों ने महायुति को पसंद किया है, दलित और मुस्लमानों ने भी हमें वोट दिया है।
भाई जगताप ने चुनाव आयोग को कहे अपशब्द
महाराष्ट्र में करारी हार के कांग्रेसी बौखलाए हैं। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल पर विवाद के बीच कांग्रेस के नेता भारतीय निर्वाचन आयोग को बुरा-भला कह रहे हैं। एमएलसी भाई जगताप ने सारी हदें पार करते हुए कथित रूप से चुनाव आयोग को 'कुत्ता' तक कह दिया। यही नहीं, वो अपनी बात पर अड़े हुए हैं और माफी मांगने से भी इनकार कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता भाई जगताप ने चुनाव आयोग के खिलाफ अपनी अपमानजनक टिप्पणी को और दोहराते हुए कहा है कि ईसीआई की 'चापलूसी' के कारण देश का लोकतंत्र बदनाम हुआ है। उन्होंने चुनाव आयोग के लिए अपनी आपत्तिजनक 'कुत्ता' टिप्पणी पर माफी मांगने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'मैं बिल्कुल भी माफी नहीं मांगूंगा, जरा भी नहीं। अगर वो (चुनाव आयोग) प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों के दबाव में काम कर रहे हैं तो मैंने जो कहा है वो सही है। मैं माफी नहीं मांगूंगा।'
मैं अपनी कही बात पर कायम हूं- जगताप
जगताप ने अपने बयान में आगे कहा- 'चुनाव आयोग देश के लोकतंत्र को और मजबूत करने के लिए है, ना कि किसी की सेवा करने के लिए। मैं अपनी कही बात पर कायम हूं। चुनाव आयोग को टीएन शेषन की तरह काम करना चाहिए। चुनाव आयोग के चाटुकारिता रवैये के कारण लोकतंत्र बदनाम हो रहा है। जगताप ने आगे कहा, 'हमारा लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। अगर इस तरह की कोई शंका है तो उसका जवाब दिया जाना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं। अप्रैल 2024 में इस पर फैसला सुनाया गया। कहा गया कि अगर आपको बैलेट पेपर नहीं चाहिए तो वीवीपैट पर्चियों की गिनती की जानी चाहिए। याचिका में कहा गया था कि 50 फीसदी वीवीपैट की गिनती होनी चाहिए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये 5 फीसदी होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।'
Updated 18:29 IST, November 30th 2024