अपडेटेड 25 January 2024 at 12:46 IST

Kerala में बजट सेशन का आगाज, राज्यपाल Arif Mohammad Khan की स्पीच पर आखिर क्यों बरपा हंगामा?

Kerala Govt vs Govt: पिनाराई विजयन सरकार के साथ अनबन के बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विधानसभा में अपने बजट सत्र के भाषण को छोटा कर दिया।

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Kerala Governor Arif Mohammed Khan
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का बजट भाषण चर्चा में है। | Image: ANI

Kerala Governor Arif Mohammed Khan: केरल में 'सरकार बनाम राज्यपाल' की लड़ाई में नया ट्विस्ट आया है। गुरुवार से केरल विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ है। सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई और फिर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बजट सत्र पर अभिभाषण दिया। विधानसभा में राज्यपाल ने अपना भाषण छोटा किया था। अब इस मसले पर राजनीतिक हंगामा खड़ा हो गया है।

पिनाराई विजयन सरकार के साथ अनबन के बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गुरुवार को केरल विधानसभा में अपने बजट सत्र के भाषण को छोटा कर दिया। वो केवल एक मिनट में अपना भाषण पूरा कर गए। उन्होंने भाषण का आखिरी पैरा ही पढ़ा।

राज्यपाल ने एक मिनट में क्या कुछ बोला?

राज्यपाल ने अपने भाषण में कहा, '15वीं केरल विधानसभा के 10वें सत्र की शुरुआत के अवसर पर केरल के लोगों के प्रतिनिधियों के इस प्रतिष्ठित निकाय को संबोधित करना मेरे लिए सम्मान की बात है। और अब मैं अंतिम पैराग्राफ पढ़ूंगा।' इतना कहकर राज्यपाल ने भाषण का आखिरी हिस्सा पढ़ा।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने संविधान की विरासत को बनाए रखने के महत्व के बारे में बात की और लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद और सामाजिक न्याय के मूल्यों पर जोर दिया। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान अपने भाषण में कहा, 'आइए याद रखें कि हमारी सबसे बड़ी विरासत इमारतों या स्मारकों में नहीं है, बल्कि भारत के संविधान की अमूल्य विरासत और लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद और सामाजिक न्याय के शाश्वत मूल्यों के प्रति हमारे द्वारा दिखाए गए सम्मान और आदर में निहित है।'

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संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि सहकारी संघवाद का सार ही है, जिसने देश को इतने वर्षों तक एकजुट और मजबूत बनाए रखा है।

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अभिभाषण पढ़ना राज्यपाल का दायित्व: वीडी सतीसन

केरल विधानसभा के अंदर हुए इस पूरे मसले पर एलओपी वीडी सतीसन ने जवाब दिया। उन्होंने कहा- 'अभिभाषण पढ़ना राज्यपाल का संवैधानिक दायित्व है, लेकिन आज उन्होंने भाषण का सिर्फ आखिरी पैराग्राफ ही पढ़ा। यह विधायिका के अपमान का स्पष्ट मामला है। राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच सियासी ड्रामा चल रहा है।'

संविधान में नियम क्या है?

संविधान के अनुच्छेद 176 के अनुसार, राज्यपाल को हर साल के पहले सत्र की शुरुआत में विधानमंडल के सदस्यों को अनिवार्य रूप से संबोधित करना होता है। राज्यपाल भाषण पढ़ते हैं, लेकिन इसे राज्य की कैबिनेट की तरफ से तैयार किया जाता है। इस भाषण में ज्यादातर सरकार की योजनाओं का जिक्र रहता है। हालांकि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सरकार के कामकाज पर कुछ भी नहीं बोला।

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Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 25 January 2024 at 12:34 IST