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Published 11:21 IST, September 14th 2024

हरियाणा में चुनाव और ऐन मौके पर केजरीवाल की रिहाई... BJP या कांग्रेस किसका बिगड़ गया समीकरण?

हरियाणा में 'एकला चलो' का फैसला करते हुए AAP ने लगभग सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। हालांकि इसमें बीजेपी और कांग्रेस में से किसका नुकसान ज्यादा है?

Reported by: Priyanka Yadav
Edited by: Dalchand Kumar
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Kejriwal in Haryana Elections
केजरीवाल की बेल से किसे फायदा? | Image: PTI

Haryana Assembly Election 2024: '177 दिन जेल से बिताने के बाद उनकी ताकत 100 गुना और बढ़ गई है', तिहाड़ से रिहा होते ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिस ताकत की बात कर रहे हैं तो क्या मान लिया जाए कि हरियाणा की राजनीति में इसका बड़ा प्रभाव दिखाई देगा? इसमें कोई दोराय नहीं है कि हरियाणा में चुनावों के बीच केजरीवाल की रिहाई आम आदमी पार्टी के लिए एक बूस्टर डोज साबित होगी, लेकिन इस रिहाई के मायने ये भी समझने होंगे कि आम आदमी पार्टी की बढ़ती ताकत से दूसरे राजनीतिक दलों के समीकरण पूरी तरह बिगड़ेंगे।

हरियाणा में 'एकला चलो' का फैसला करते हुए आम आदमी पार्टी ने लगभग सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अरविंद केजरीवाल की रिहाई से आम आदमी पार्टी को पूरा फायदा होगा, लेकिन इसमें भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में से किसका नुकसान ज्यादा है? केजरीवाल के हरियाणा में प्रचार प्रसार के लिए उतरने से किसके समीकरण बिगड़ेंगे? इसको समझना होगा।

केजरीवाल के मैदान में आने से किस पर पड़ेगा असर?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं। जेल से रिहाई के बाद केजरीवाल के तेवर बिल्कुल बदले हैं और इस मौके को वो हरियाणा के चुनाव में भुनाने की भरपूर कोशिश करेंगे। उनके निशाने पर भारतीय जनता पार्टी है, जिससे हरियाणा में कांग्रेस पार्टी भी अपने दम पर लड़ाई लड़ने में लगी है। हालांकि केजरीवाल के मैदान में आने से कांग्रेस की लड़ाई पर सबसे ज्यादा असर पड़ सकता है। केजरीवाल अगर चुनाव में अच्छे खासे वोटबैंक को अपनी ओर खींच पाए तो इससे भारी नुकसान कांग्रेस को ही होगा, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी पहले से ही सत्ता विरोधी लहर से जूझ रही है। दूसरी बात ये भी है कि हरियाणा में बीजेपी के खिलाफ ही सारे विरोधी दल खड़े हैं, इसमें अब केजरीवाल अलग वोट खींचते हैं तो उससे कांग्रेस का मतदाता भी प्रभावित हो सकता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के अलग-अलग चुनाव लड़ने से वो मतदाता बंट जाएंगे, जो बीजेपी के खिलाफ हैं। ऐसे में बीजेपी का अपना वोट बैंक काम आएगा और अगर वो पार्टी के साथ बंधा रहा तो सत्ता में इसकी वापसी फिर संभव है।

कांग्रेस ने गठबंधन ना करके बड़ी भूल की?

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि दोनों पार्टी के बीच सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाई। आम आदमी पार्टी आखिरी वक्त तक कांग्रेस से साथ गठबंधन के लिए रुकी रही। उसने बात फाइनल ना होने तक अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए थे, जबकि गठबंधन पर मंथन के बीच कांग्रेस ने ही बिना सहमति के अपने कैंडिडेट उतार दिए। इसके बाद आम आदमी पार्टी की तरफ से उम्मीदवारों के नामों का ऐलान हुआ। अब दोनों पार्टियों ने एक दूसरे के खिलाफ ही उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। इस स्थिति में बीजेपी से लड़ाई करने के साथ दोनों पार्टियों को आपस में भी लड़ना होगा। एक तरीके से 10 साल से विपक्ष में बैठी कांग्रेस के लिए एक फैसला बड़ी भूल साबित हो सकता है।

156 दिन बाद जेल से हुई केजरीवाल की रिहाई

सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल जेल से रिहा हुए हैं। 21 मार्च को उनकी गिरफ्तारी हुई थी। बाद में 26 जून को सीबीआई ने अपनी गिरफ्त में लिया था। दोनों मामलों में जमानत मिलने के बाद केजरीवाल शुक्रवार को दिल्ली की तिहाड़ जेल से बाहर आए।

उनके पार्टी नेताओं और समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में केजरीवाल ने कहा कि वो देश को कमजोर करने के लिए काम कर रही 'राष्ट्र-विरोधी' ताकतों से लड़ते रहेंगे और कहा कि जेल में रहने से उनका संकल्प और मजबूत हुआ है। केजरीवाल ने तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद चंदगीराम अखाड़े से अपने आधिकारिक आवास तक रोड शो किया और कहा कि देश एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है, क्योंकि कुछ 'राष्ट्र-विरोधी ताकतें' इसे कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं।

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Updated 11:21 IST, September 14th 2024