अपडेटेड 28 November 2025 at 07:41 IST

Karnataka में कांग्रेस के भीतर क्या पक रही खिचड़ी? डीके शिवकुमार के तंज भरे पोस्ट पर CM सिद्धारमैया ने इशारों में दिया जवाब

Karnataka की सत्ताधारी कांग्रेस में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री DK Shivakumar के बीच सत्ता बंटवारे को लेकर चला आ रहा तनाव अब सोशल मीडिया पर खुलकर सामने आ गया है। शिवकुमार के बाद अब सिद्धारमैया सिद्धारमैया ने पोस्ट कर अपनी अपनी सरकार की प्रमुख योजनाओं की उपलब्धियों का हवाला देकर कहा कि जनादेश पूरे 5 साल का है।

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DK Shivakumar siddaramaiah dr patil
DK Shivakumar’s Remark Adds Fuel to Karnataka Congress Power Tussle Buzz | Image: File Photo

karnataka की सत्ताधारी कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच लंबे समय से चला आ रहा तनाव अब पूरी तरह से खुलकर सामने आ गया है। दोनों नेताओं के बीच सत्ता के बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान ने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप ले लिया है। दोनों तरफ से किए गए पोस्ट से पार्टी की अंदरूनी कलह को खुलकर सामने ला दिया है।

माना जा रहा है कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच यह विवाद राज्य सरकार की स्थिरता को चुनौती दे सकता है। शिवकुमार ने बुधवार को कांग्रेस में अंदरूनी मतभेदों की बातों को खारिज किया था, लेकिन गुरुवार को उपमुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने शब्दों की ताकत और वादों को निभाने पर जोर दिया। उन्होंने लिखा कि "शब्द ही दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति हैं, और वचन निभाना सबसे ऊंचा कर्तव्य है।"

परिवर्तन की मांग तेज

डीके शिवकुमार के इस पोस्ट में उन्होंने एक व्यंग्यपूर्ण टिप्पणी भी जोड़ी, जिसमें सत्ता के महत्व और जिम्मेदारी को न समझने वालों पर कटाक्ष किया गया। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह टिप्पणी सीधे तौर पर सिद्धारमैया पर केंद्रित थी, जो हाल ही में सत्ता परिवर्तन की अटकलों के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

शिवकुमार के समर्थकों का दावा है कि 2023 में कांग्रेस हाई कमांड के साथ अनौपचारिक समझौते के तहत मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल 2.5-2.5 साल के बंटवारे पर आधारित था। सरकार का कार्यकाल आधा हो चुका है, इसलिए अब परिवर्तन की मांग तेज हो गई है। शिवकुमार का यह पोस्ट उनके पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की तरह लग रहा, लेकिन इससे पार्टी में असंतोष भी बढ़ा।

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सिद्धारमैया का करारा जवाब

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट के जरिए जवाब दिया, जिसमें उन्होंने शिवकुमार के संदेश को अप्रत्यक्ष रूप से चुनौती दी। उन्होंने लिखा कि "शब्दों की असली ताकत तब होती है जब वे आम जनता की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाएं।" सिद्धारमैया ने अपनी सरकार की प्रमुख योजनाओं का जिक्र करते हुए उपलब्धियों की लंबी सूची पेश की। उन्होंने लिखा कि "सरकार बनने के पहले महीने से ही, हमने अपनी गारंटियों को शब्दों में नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर अमल में लाया।'

  1. शक्ति योजना: महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा पर 600 करोड़ रुपये से अधिक खर्च, जिससे उनकी गरिमा और स्वतंत्रता बढ़ी।
  2. गृहलक्ष्मी योजना: 1.24 करोड़ महिलाओं वाले परिवारों को आर्थिक सशक्तिकरण।
  3. युवा निधि: 3 लाख से अधिक युवाओं को वित्तीय सहायता।
  4. अन्न भाग्य 2.0: 4.08 करोड़ लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा।
  5. गृह ज्योति: 1.64 करोड़ परिवारों को मुफ्त बिजली।

सिद्धारमैया ने अपने 2013-18 के कार्यकाल में 165 में से 157 वादों को पूरा करने का दावा, जबकि वर्तमान कार्यकाल में 593 वादों में से 243 से अधिक पूरे हो चुके हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि "जनता का जनादेश पूरे पांच सालों की जिम्मेदारी है। कांग्रेस निरंतरता और साहस के साथ अपने वादे निभाती है।"

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शिवकुमार समर्थकों का दावा

कर्नाटक में यह विवाद नया नहीं है। 2023 के विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस ने सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री का पद देकर संतुलन बनाने की कोशिश की गई। अनौपचारिक रूप से चर्चा हुई कि पद का बंटवारा आधे-आधे कार्यकाल के लिए होगा, हालांकि पार्टी आलाकमान ने कभी इसका आधिकारिक ऐलान नहीं किया। 

20 नवंबर को कांग्रेस सरकार का आधा कार्यकाल पूरा हो गया है और शिवकुमार समर्थक मुख्यमंत्री पद पर दावा मजबूत कर रहे हैं। 2.5-2.5 साल के रोटेशन की बात हो रही है। दोनों नेता अपनी-अपनी रणनीति पर कायम हैं। सिद्धारमैया उपलब्धियों पर जोर दे रहे हैं, जबकि शिवकुमार समर्थन जुटाने में लगे हैं।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 27 November 2025 at 21:22 IST