अपडेटेड 3 September 2024 at 21:29 IST
कोलकाता रेपकांड के बाद नया कानून बनाने से ममता पर भड़की JMM, कहा- 10 दिन में मृत्युदंड देंगे तो...
बंगाल के अपराजिता कानून पर INDI गठबंधन की सहयोगी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सवाल उठाए हैं।
- भारत
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पश्चिम बंगाल विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'अपराजिता' एंटी-रेप बिल पेश किया, जिसमें राज्य में बलात्कारियों के लिए मौत की सजा का प्रस्ताव है। यह बिल अब पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है। मसौदा कानून में बलात्कार के दोषी व्यक्तियों के लिए मृत्युदंड की मांग की गई है।
इसके अलावा यह बलात्कार के दोषी लोगों के लिए पैरोल के बिना आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान करता है। 'अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून और संशोधन) विधेयक 2024' शीर्षक वाले इस कानून का उद्देश्य बलात्कार और यौन अपराधों से संबंधित नए प्रावधानों को संशोधित और पेश करके महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षा को मजबूत करना है।
ममता के कानून पर जेएमएम ने उठाए सवाल
बंगाल के अपराजिता कानून पर INDI गठबंधन की सहयोगी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सवाल उठाए हैं। सांसद मुहुआ मांझी ने सवाल उठाते हुए कहा कानून तो बन जाते हैं, जनता के दबाव में सरकारें घोषणा भी करती हैं, लेकिन बाद में सरकारें सुस्त हो जाती हैं।
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उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो हुआ दुखद है, ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। कानून सख्त होना होगा, लेकिन ये भी नहीं कि 10 दिन में अपराधी को पकड़कर मृत्युदंड दे दें, इसमें बहुत सारे निर्दोष लोगों को फंसाकर उनको कठघरे में खड़ा कर सकते हैं। आनन-फानन में इस तरह का कानून पारित करना सही नहीं है।
'अपराजिता' एंटी-रेप बिल में क्या हैं प्रावधान
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इस बिल के अनुसार, रेप और हत्या करने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। बताया जा रहा है कि पुलिस को 21 दिन में अपनी जांच पूरी करनी होगी और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के अंदर फांसी की सजा मिलेगी। इतना ही नहीं, जिन लोगों ने आरोपियों की मदद की होगी, उन्हें 5 साल तक सलाखों के पीछे रहना होगा।
'अपराजिता' टास्क फोर्स
ममता सरकार ने इस बिल में 'अपराजिता' टास्क फोर्स बनाए जाने की भी बात की है। ये फोर्स महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर एक्शन लेगी और आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़कर जेल में डालेगी।
पीड़िता की पहचान बताई तो खैर नहीं
इसके अलावा, पीड़िता की पहचान बताने वालों के खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ 3-5 साल की सजा का प्रावधान है।
एसिड अटैक पर भी कार्रवाई
महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर विशेष चर्चा करते हुए इस बिल में एसिड अटैक पर भी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। एसिड अटैक के आरोपियों के लिए इस बिल में आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 3 September 2024 at 19:45 IST