अपडेटेड 7 April 2024 at 17:23 IST
चुनावी सभाओं में खूब होता है महिलाओं का अपमान, कंगना से लेकर राबड़ी तक हुई अभद्र टिप्पणी का शिकार
भारतीय राजनीति में सोनिया गांधी, मायावती, ममता बनर्जी, स्मृति ईरानी, जयाप्रदा और प्रियंका गांधी वाद्रा जैसी दिग्गज हस्तियां किसी न किसी समय निशाना बनीं हैं।
- भारत
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Lok Sabha Election 2024 : चुनाव आते ही महिला नेताओं के खिलाफ अभद्र बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो जाता है। ऐसा ही कुछ 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी देखने को मिल रहा है, जिसमें बीजेपी की चर्चित उम्मीदवारों- हेमा मालिनी, कंगना रनौत और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी को निशाना बनाया जा चुका है। भारतीय राजनीति में सोनिया गांधी, मायावती, ममता बनर्जी, स्मृति ईरानी, जयाप्रदा और प्रियंका गांधी जैसी दिग्गज हस्तियां किसी न किसी समय आपत्तिजनक टिप्पणी का निशाना बनीं हैं।
कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को हेमा मालिनी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करके अपनी पार्टी और नेताओं को मुश्किल में डाल दिया, जिसके बाद राष्ट्रीय महिला आयोग तुरंत उनके खिलाफ निर्वाचन आयोग पहुंच गया। पिछले महीने हरियाणा में एक रैली में की गई सुरजेवाला की टिप्पणी को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। बीजेपी ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल कांग्रेस इस 'निम्नस्तरीय, लैंगिक' टिप्पणी से एक नए निचले स्तर पर पहुंच गया है।
'सड़कों को उनके गालों जितनी चिकनी...'
वहीं, सुरजेवाला ने कहा कि उन्होंने उसी वीडियो में यह भी कहा था कि हेमा मालिनी का बहुत सम्मान किया जाता है क्योंकि उन्होंने "धर्मेंद्र जी से शादी की है और वह हमारी बहू हैं। कई साल पहले, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू यादव ने हेमा मालिनी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए दावा किया था कि वह बिहार की सड़कों को उनके गालों जितनी चिकनी बना देंगे।
कंगना पर आपत्तिजनक टिप्पणी
सुरजेवाला से पहले, उनकी पार्टी के नेता सुप्रिया श्रीनेत और एच.एस. अहीर अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कंगना रनौत और उनके निर्वाचन क्षेत्र मंडी को जोड़कर पोस्ट करने के लिए निशाने पर आ गए थे। श्रीनेत ने यह कहते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी हटा दी थी कि संबंधित पोस्ट उन्होंने नहीं किया था। इसके अलावा, कर्नाटक से कांग्रेस के विधायक शमनूर शिवशंकरप्पा ने बीजेपी की गायत्री सिद्धेश्वरा के बारे में कहा कि वह केवल "खाना बनाने के लायक" हैं।
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जयाप्रदा पर अभद्र टिप्पणी
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने 2019 में बीजेपी नेता जयाप्रदा के बारे में अभद्र टिप्पणी की थी। उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक रैली के दौरान खान ने कहा था, 'मैं उन्हें (जयाप्रदा को) रामपुर लेकर आया। आपको उनका असली चेहरा पहचानने में 17 साल लग गए, लेकिन मुझे 17 दिन में पता चल गया कि वह खाकी अंडरवियर पहनती हैं।'
राबड़ी देवी को 'घूंघट' के पीछे रहने की सलाह
इसी तरह की घटनाएं 2019 के आम चुनाव के दौरान देखी गईं जब राजनीतिक दिग्गजों ने अपनी महिला प्रतिद्वंद्वियों के बारे में अभद्र टिप्पणी करके उन्हें निशाना बनाया। तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 'घूंघट' के पीछे रहने की सलाह दी थी। अभिनेत्री से नेता बनीं उर्मिला मातोंडकर लैंगिक टिप्पणी का निशाना बनीं जब बीजेपी के गोपाल शेट्टी ने कहा कि उन्हें उनके रंग-रूप के कारण टिकट दिया गया।
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'सौ टका टंच माल'
2022 में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने पर पुलिस ने कांग्रेस नेता अजय राय के खिलाफ मामला दर्ज किया था। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर लैंगिक और अपमानजनक टिप्पणियां करना कोई नयी बात नहीं है, लेकिन कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह अपनी ही पार्टी की नेता के बारे में अभद्र टिप्पणी करके निशाने पर आ गए थे। साल 2013 में, मंदसौर की तत्कालीन सांसद मीनाक्षी नटराजन को 'सौ टका टंच माल' कहा था, जिसके परिणामस्वरूप कई दलों ने उनकी तीखी आलोचना की थी।
(भाषा इनपुट के साथ रिपब्लिक भारत डेस्क)
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 7 April 2024 at 17:23 IST