अपडेटेड 4 July 2024 at 21:10 IST

पहले जेल फिर रिहाई, सत्ता में लौटे हेमंत सोरेन बने झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री; जानिए गठबंधन का हाल?

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने बृहस्पतिवार की शाम यहां राजभवन में राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

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Hemant Soren with JMM MLAs before his arrest
Hemant Soren with JMM MLAs before his arrest | Image: PTI/File

Hemant Soren : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने बृहस्पतिवार की शाम यहां राजभवन में राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने राजभवन में हेमंत सोरेन को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।

हेमंत सोरेन के पिता और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन, उनकी मां रूपी सोरेन, पत्नी कल्पना सोरेन तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाले गठबंधन के वरिष्ठ नेता भी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित थे। बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले चंपई सोरेन भी इस अवसर पर मौजूद थे।

28 जून को जेल से रिहा हुए हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन को झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में जमानत दिए जाने के बाद 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था।

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प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 31 जनवरी को उनकी गिरफ्तारी से कुछ समय पहले ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

शपथ ग्रहण करने के बाद सोरेन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपनी जिम्मेदारियों का अच्छी तरह निर्वाह किया। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि अदालत का आदेश सार्वजनिक है और सभी लोग उसे देख सकते हैं । साथ ही उन्होंने कहा कि वह अपने कर्तव्यों का पालन पूरी प्रतिबद्धता के साथ करेंगे।

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मेरे खिलाफ साजिश रची गई - हेमंत सोरेन

जनता को संबोधित एक वीडियो संदेश में हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष ने उनके खिलाफ साजिश रची और वे अपने ‘‘नापाक इरादों’’ में कामयाब भी हो गए जिसके चलते उन्हें करीब पांच महीनें सलाखों के पीछे गुजारने पड़े।

सोरेन ने वीडियो में कहा,‘‘मुझे 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया .....मैंने आपको एक संदेश दिया था कि कैसे विपक्ष ने मेरे खिलाफ जाल बिछाया और कैसे वे अपने नापाक खेल में कामयाब हुए । उन्होंने मुझे लंबे समय तक सलाखों के पीछे रखने की कोशिश की लेकिन मैंने कानूनी लड़ाई का रास्ता चुना। आपने सड़कों पर उतरकर मेरा समर्थन किया। अंतत: न्याय हुआ और मैं बेदाग बाहर आया।’’

भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं-  हेमंत सोरेन

झामुमो नेता ने कहा कि उन्हें 2019 में जनता की सेवा करने का मौका मिला था लेकिन ‘‘षड़यंत्रकारियों को यह हजम नहीं हुआ कि एक आदिवासी युवक कैसे इतनी ऊंचाई तक पहुंच सकता है और आखिरकार 31 जनवरी को झूठे आरोपों पर मुझे हटा दिया गया। भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं है।’’

सोरेन ने कहा कि वह झारखंड के लोगों की पूरे समर्पण के साथ सेवा करने के लिए तैयार हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपनी शुभकामनाएं दीं। झामुमो विधायक कल्पना सोरेन ने कहा कि राज्य में कल्याणकारी कार्यों में तेजी लाई जाएगी। हेमंत सोरेन के कैबिनेट के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।

मंत्रिपरिषद के बारे में किए गए सवाल पर कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि हेमंत सोरेन कैबिनेट में पार्टी की नुमाइंदगी का फैसला आलाकमान द्वारा किया जाएगा। मीर ने कहा कि कांग्रेस अभी तय करेगी कि कैबिनेट में पार्टी की ओर से कौन शामिल होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ पार्टी हाईकमान इस पर अंतिम फैसला करेंगी।’’

झारखंड में चंपई सोरेन युग खत्म हो गया- निशिकांत दुबे

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, "झारखंड में चंपई सोरेन युग खत्म हो गया है। परिवारवादी पार्टी में, परिवार के बाहर के लोगों का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है। मैं चाहता हूं कि मुख्यमंत्री भगवान बिरसा मुंडा से प्रेरणा लें और भ्रष्ट हेमंत सोरेन जी के खिलाफ खड़े हो जाएं।"

भाजपा की झारखंड इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी बुधवार को कहा था कि शिबू सोरेन के परिवार के बाहर के आदिवासी झामुमो में केवल अस्थायी चेहरे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह परिवार अपनी आवश्यकताओं के अनुसार लोगों का उपयोग करने में विश्वास रखता है।

झामुमो-नीत गठबंधन के पास 45 विधायक

लोकसभा चुनाव के बाद, राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 45 रह गई है, जिनमें झामुमो के 27, राजद का एक और कांग्रेस के 17 विधायक शामिल हैं।

झामुमो के दो विधायक-नलिन सोरेन और जोबा माझी अब सांसद हैं, जबकि जामा से विधायक सीता सोरेन ने भाजपा के टिकट पर आम चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था।

झामुमो ने बिशुनपुर से विधायक चमरा लिंडा और बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रम को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन उन्होंने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है।

बीजेपी के पास 24 विधायक

इसी तरह, विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 24 रह गई है, क्योंकि उसके दो विधायक- ढुलू महतो (बाघमारा) और मनीष जायसवाल (हजारीबाग) ने लोकसभा चुनाव लड़ा था और वे अब सांसद हैं। भाजपा ने चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल होने वाले मांडू सीट से विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को निष्कासित कर दिया है।

झारखंड की 81-सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 76 सदस्य हैं। राज्य में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 4 July 2024 at 21:10 IST