अपडेटेड April 2nd 2024, 17:52 IST
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने मंगलवार को राजपूत समुदाय के सदस्यों से आग्रह किया कि वे केंद्रीय मंत्री और राजकोट लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार परषोत्तम रूपाला को रियासतों के पूर्व शासकों पर उनकी टिप्पणियों के लिए माफ कर दें, जिसे क्षत्रिय समुदाय ने आपत्तिजनक माना है।
पाटिल ने राजपूत या क्षत्रिय समुदाय के सदस्यों को मनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की उपस्थिति में पार्टी के राजपूत नेताओं के साथ बैठक की, जो टिप्पणियों को लेकर रूपाला से खासे नाराज हैं। बैठक के बाद पाटिल ने राजपूत समुदाय के लोगों से अनुरोध किया कि वे रूपाला को माफ कर दें जो इस मामले में पहले ही तीन बार क्षमा मांग चुके हैं।
पाटिल ने करीब ढाई घंटे तक चली बैठक के बाद अपने गांधीनगर आवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘समाधान निकालने के लिए भाजपा नेता बुधवार की शाम समुदाय की समन्वय समिति के सदस्यों के साथ बैठक करेंगे।’’ पाटिल के आवास पर बैठक में शामिल हुए सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं में आई के जडेजा, भूपेन्द्रसिंह चूडासमा, प्रदीपसिंह जडेजा, किरीटसिंह राणा, बलवंतसिंह राजपूत और जयद्रथसिंह परमार और नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य केसरीदेव सिंह झाला शामिल थे।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘रूपाला अपनी टिप्पणी के लिए तीन बार माफी मांग चुके हैं, लेकिन राजपूत अब भी नाराज हैं। इसलिए इसका समाधान निकालने के लिए आज हमारे मुख्यमंत्री और पार्टी के राजपूत नेताओं की मौजूदगी में बैठक हुई। हमारी भावना यह है कि चूंकि रूपाला पहले ही माफी मांग चुके हैं, इसलिए समुदाय को उदारता दिखानी चाहिए और उन्हें माफ कर देना चाहिए।’’ पाटिल ने कहा कि बैठक में पार्टी से जुड़े वरिष्ठ राजपूत नेताओं को समुदाय के सदस्यों से संपर्क साधकर उन्हें मनाने को कहा गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं समुदाय के सदस्यों से हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि चूंकि रूपाला माफी मांग चुके हैं, इसलिए अब उन्हें माफ कर देना चाहिए।’’ रूपाला ने 22 मार्च को राजकोट में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि तत्कालीन 'महाराजाओं' ने विदेशी शासकों के साथ-साथ अंग्रेजों के उत्पीड़न के सामने घुटने टेक दिए थे। रूपाला ने कहा कि इन महाराजाओं ने उनके साथ रोटी-बेटी का संबंध रखा। गुजरात में क्षत्रिय समुदाय ने रूपाला के बयान पर आपत्ति जताई।
इसके बाद रूपाला ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली, लेकिन कई राजपूत नेताओं ने उनकी माफी को स्वीकार नहीं किया और भाजपा से कहा कि उनकी जगह किसी और को उम्मीदवार बनाया जाए, अन्यथा चुनाव में राजपूत मतदाताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
पब्लिश्ड April 2nd 2024, 17:52 IST