अपडेटेड 18 March 2022 at 16:52 IST

17 मार्च को सोनिया गांधी से मिलेंगे गुलाम नबी आजाद; G-23 प्रस्ताव कर सकते हैं पेश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और 'G-23' सदस्य गुलाम नबी आजाद के गुरुवार को 10 जनपथ पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने की संभावना है।

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पार्टी की चुनावी हार पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और 'G-23' सदस्य गुलाम नबी आजाद के गुरुवार को 10 जनपथ पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने की संभावना है।  सूत्रों ने एएनआई को बताया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी 17 मार्च को सभा में मौजूद रहेंगे।

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर चर्चा करने के लिए आयोजित कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद यह बैठक महत्वपूर्ण है। सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने जहां गांधी परिवार के नेतृत्व में अपना विश्वास जताया, वहीं पार्टी के सभी पांच राज्यों के प्रमुखों को इस्तीफा देने के लिए कहा गया।

G-23 सदस्य सिब्बल के बयान से कांग्रेस खफा

कांग्रेस नेतृत्व की कार्यशैली पर असंतोष व्यक्त करते हुए G-23 नेताओं ने पिछले कुछ दिनों में कपिल सिब्बल, शशि थरूर, भूपिंदर सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, मणि शंकर अय्यर, पीजे कुरियन, परनीत कौर, संदीप दीक्षित और राज बब्बर जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें की हैं। 

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एएनआई के सूत्रों ने बताया कि आज की बैठक कपिल सिब्बल के आवास पर होनी थी, जिन्होंने नेताओं को रात के खाने के लिए अपने आवास पर आमंत्रित किया था, लेकिन सिब्बल के गांधी परिवार पर हालिया हमले के बाद स्थल को आजाद के आवास में स्थानांतरित कर दिया गया था। एक अखबार को दिए साक्षात्कार में सिब्बल ने कहा था कि यह पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन और गांधी परिवार के अलावा किसी और के लिए कांग्रेस का नेतृत्व करने का समय है। एएनआई के सूत्रों के अनुसार, यह टिप्पणी कांग्रेस नेतृत्व को अच्छी नहीं लगी।

माना जा रहा है कि आजाद G-23 सदस्यों के अंतिम प्रस्ताव को गुरुवार 17 मार्च को पार्टी आलाकमान के सामने पेश करेंगे, जहां असंतुष्ट गुट के भविष्य का फैसला होगा। एएनआई के सूत्रों ने कहा कि आजाद और सोनिया गांधी के बीच बैठक के बाद ही बीच का रास्ता निकाला जा सकता है।

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कांग्रेस पार्टी की चुनावी हार

कांग्रेस पार्टी केवल 18 सीटों पर सिमट गई, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब में 92 सीटें जीतकर अपनी पहली जीत दर्ज की। पार्टी ने न केवल राज्य खो दिया, बल्कि केवल चार कैबिनेट मंत्री ही अपनी सीटों को बरकरार रखने में सफल रहे। पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और मौजूदा सीएम चरणजीत सिंह चन्नी जैसी इसकी कथित बड़ी बंदूकें आप उम्मीदवारों से हार गईं।

Published By : Lipi Bhoi

पब्लिश्ड 18 March 2022 at 15:55 IST