अपडेटेड 13 March 2024 at 21:48 IST
CAA के विरोध पर बिफरे पूर्व कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम, कहा- 'पूरा विपक्ष राहुल गांधी की तरह...'
सीएए को लेकर विपक्ष के विरोध पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, "विपक्ष को ये पता ही नहीं है वो CAA का विरोध क्यों कर रहे है?
- भारत
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11 मार्च 2024 को केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर देश में नागरिक संशोधन कानून लागू कर दिया। CAA के लागू होने के बाद से ही विपक्ष मोदी सरकार पर तरह-तरह के आरोप लगा है और नोटिफिकेशन की टाइमिंग को लकेर सवाल उठा रहा है।
सीएए को लेकर विपक्ष के विरोध पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, "विपक्ष को ये पता ही नहीं है वो CAA का विरोध क्यों कर रहे है? CAA लागू होने के बाद भारत के लोगो पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सब विपक्ष राहुल गांधी की तरह सोचने लगा है, सिर्फ नरेंद्र मोदी का विरोध करना है।"
देश में लागू हुआ CAA
देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। नोटिफिकेशन जारी होते ही CAA पूरे देश में लागू हो गया है। इसका लाभ गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को मिलेगा। केंद्र की ओर से सीएए को लागू करने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के भारत में शरण लेने आए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता भी खुल गया है। अब इन तीन देशों से भारत में आए लोगों को नागरिकता मिल सकेगी।
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क्या है CAA?
CAA को नागरिकता संशोधन कानून भी कहते हैं। इसमें विदेशियों के नागरिकता का प्रावधान है। तीन देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए लोगों पर ये लागू होगा। इन देशों के अल्पसंख्यकों हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसियों को नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता उन्हें मिलेगी जो 2014 से पहले आए होंगे और धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत में आए हैं, जो कम-से-कम 6 साल से भारत में रह रहे होंगे।
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किस-किस को मिलेगी भारत की नागरिकता
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तरह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रहने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों को अब भारत की नागरिकता मिल सकेगी। इनमें हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई और पारसी समुदाय के लोग शामिल हैं। इस कानून के तहत उन शरणार्थियों को भारती की नागरिकता दी जाएगी जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 से पहले नागरिकता के लिए अप्लाई किया था।
कैसे मिलेगी नागरिकता?
नागरिकता की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके लिए सरकार ने पोर्टल तैयार कर लिया है। आवेदकों को भारत में आने का साल बताना होगा, उन्हें इसके लिए कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है। किस देश के नागरिक हैं इसके लिए भी प्रूफ नहीं चाहिए, मतलब उनके पास पासपोर्ट या वीजा होना जरूरी नहीं है। ऑनलाइन अप्लाई करने के बाद गृह मंत्रालय जांच करेगा और जांच के बाद नागरिकता दी जाएगी।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 13 March 2024 at 21:28 IST