अपडेटेड 5 September 2020 at 23:18 IST
विदेश मंत्री कैसे बने एस जयशंकर, सुनाया दिलचस्प किस्सा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी पहली बैठक को याद करते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुलासा किया कि वो पहली बार साल 2011 में चीन में पीएम मोदी से मिले थे।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी पहली बैठक को याद करते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुलासा किया कि वो पहली बार साल 2011 में चीन में पीएम मोदी से मिले थे। विदेश मंत्री ने बताया कि वो PM मोदी की चीन यात्रा के दौरान उनके आचरण और स्पष्टता से बहुत प्रभावित हुए थे। साथ ही जयशंकर ने यह भी कहा कि वो 'हैरान' थे जब PM मोदी ने उन्हें EAM के रूप में अपने मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए कहा था।
रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी से खास बातचीत करते हुए एस जयशंकर ने कहा, "मैं उनसे (PM नरेंद्र मोदी) 2011 में चीन में मिला था जब मैं राजदूत था। जब आप दूतावास में होते हैं तब कई लोगों से आपकी मुलाकात होती रहती है। जब वो आए तब हम ब्रीफिंग के लिए गए। उसने बहुत सारे मुद्दों के बारे में पूछा। हमारे पास कुछ राजनीतिक मुद्दे थे, अगर मुझे सही तरह से याद है, तो यह स्टेपल वीजा (staple visas) के बारे में था। गुजरात के हमारे कुछ ज्वैलर्स को चीन में गिरफ्तार किया गया था और कुछ को हिरासत में लिया गया था। वो बहुत स्पष्ट थे। वो एक ब्रीफिंग चाहते थे और राष्ट्रीय स्थिति जानना चाहते थे। मैं उनसे काफी प्रभावित हुआ।
विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी पहली बैठक और उनकी प्रतिक्रिया को याद किया जब उन्हें मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने के लिए कहा गया था। जयशंकर ने बताया कि वह 'हैरान' थे जब पीएम मोदी ने उन्हें विदेश मंत्री बनने के लिए कहा था। उन्होंने बताया कि वो उस दौरान अपनी आने वाली किताब की तैयारी कर रहे थे। "ऐसा कुछ नहीं था जिसकी मुझे उम्मीद थी। मैं वास्तव में इस किताब पर काम कर रहा था। शपथ ग्रहण से ठीक पहले, पीएम ने मुझे बुलाया था। जिसके बाद उन्होंने मुझे इस बारे में बताया। मैं ये सब सुनकर हैरान रह गया था।''
चीन मुद्दे पर क्या बोले विदेश मंत्री
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बता दें, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-चीन सीमा विवाद पर भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि, ''दोनों देश सहमति से सीमा पर मौजूदा स्थितियों को हल कर सकते हैं।'' 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि चीन ने सीमा पर यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन सीमा विवाद को दूर करने के लिए जमीनी, कूटनीतिक और राजनीतिक स्तर पर वार्ता करनी होगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि चीन को दोनों पक्षों द्वारा हुए समझौते का पालन करना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'मेरे मुताबिक भारत और चीन को किसी जगह पहुंचने से पहले यह महसूस करना महत्वपूर्ण है कि यदि हम मौजूदा स्थिति से हटकर किसी भी अच्छे निष्कर्ष पर पहुंचते हैं, तो दोनों देशों के लिए अच्छा होगा।
Published By : Gaurav Kumar
पब्लिश्ड 5 September 2020 at 23:18 IST