अपडेटेड 10 January 2025 at 19:45 IST
Delhi Elections: क्या हवा का रुख वाकई बदल गया है, 26 साल बाद दिल्ली पर BJP का होगा कब्जा?
दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी की रणनीति में बदलाव देखने को मिल रहा है, यहीं कारण है कि उसे 26 साल बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद नजर आ रही है।
- भारत
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Delhi Elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है, 5 फरवरी को दिल्ली के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और 8 तारीख को दुनिया के सामने होगा कि दिल्लीवालों ने अगले 5 सालों के लिए अपना राजनीतिक भविष्य किसके हाथों में सौंपा है? दिल्ली में बीते दो विधानसभा चुनावों में एकतरफा जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी आगामी चुनावों को लेकर संघर्ष करती दिख रही है। अधूरे वादे, भ्रष्टाचार और शीशमहल जैसे मुद्दों पर सत्ताधारी पार्टी बैकफुट पर नजर आती है।
दूसरी तरफ बीते 26 सालों से दिल्ली की सत्ता से दूर भारतीय जनता पार्टी इस वनवास को किसी भी तरह समाप्त करना चाहती है, शायद यही कारण है कि इस बार दिल्ली विधानसभा चुनावों के लेकर बीजेपी की रणनीति में बदलाव देखने को मिल रहा है। करीब 2.5 दशक के लंबे इंतजार के बाद बीजेपी को पहली बार ऐसा लग रहा है कि वो जीत के इस सूखे को खत्म कर सकती है इसीलिए इस पार्टी ने चुनावी मद्दों में परिवर्तन किया है।
पहले 15 साल कांग्रेस और फिर करीब 10 साल आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की कुर्सी पर कब्जा जमाया। दोनों ही पार्टियां जनता के बीच मुद्दों को लेकर पहुंची और जनता ने मुहर भी लगाई। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पुरानी रणनीति में बदलाव करते हुए राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों के बजाय दिल्ली के जनता से जुड़े हुए मुद्दों पर फोकस करना शुरू किया है। बीजेपी आम आदमी पार्टी को बिजली, पानी, सड़क, शराब के ठेके, शीशमहल, पूर्वचलियों का अपमान, सनातन जैसे मुद्दों पर घेरने में लगी हुई है, जिससे जनता का सीधा कनेक्ट है।
दिल्ली फहत को बीजेपी तैयार?
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दिल्ली चुनाव के लेकर इस बार बीजेपी की रणनाति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अक्सर विधानसभा चुनावों में पीएम मोदी के चेहरे और राष्ट्रीय मुद्दे के सहारे मैदान में उतरने वाली भाजपा स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। यकीनन बीजेपी के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा दूसरा कोई इतना बड़ा चेहरा नहीं है जो उसकी भरपाई कर सके, इसलिए दिल्ली में पीएम मोदी ने खुद प्रचार की कमान संभाल ली है।
पीएम मोदी का सीधे केजरीवाल पर हमला
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पीएम मोदी ने दिल्ली में अब तक दो रैलियोंं को संबोधित किया है और दोनों ही रैलियों में पीएम मोदी के निशाने पर आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल रहे। पीएम ने शीशमहल, शराब घोटाला, भ्रष्टाचार, यमुना की सफाई, प्रदूषण, दूषित पानी, बिजली, बदहाल सड़कों को लेकर केजरीवाल को घेरा।
स्थानीय मुद्दों पर फोकस
भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय मुद्दों से ज्यादा स्थानीय मुद्दों पर फोकस किया है, जिससे अरविंद केजरीवाल को आसानी से घेरा जा सके। झुग्गी-झोंपड़ियों में रहने वालों के लिए जहां झुग्गी-वहीं मकान देकर बीजेपी ने एक बड़े वर्ग को साधने की कोशिश की है अगर वो सत्ता में आती है सभी तो झुग्गियों की जगह पक्के मकान मिलेंगे। कच्छी कॉलोनियों को नियमित करना, वेस्ट मैनेजमेंट के बेहतर विकल्पों के साथ पर्यावरण और साफ पानी को लेकर भी बीजेपी जनता के बीच जा रही है।
300 यूनिट फ्री बिजली का वाद कर सकती है बीजेपी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी हर घर के लिए 300 यूनिट फ्री बिजली और धार्मिक संस्थाओं के लिए 500 यूनिट फ्री बिजली हर महीने देने का ऐलान कर सकती है। साथ ही महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की तरह दिल्ली में भी महिलाओं के लिए किसी स्कीम की घोषणा की जा सकती है। प्रधानमंत्री मोदी पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि दिल्ली में चल रही किसी भी कल्याणकारी योजना को बंद नहीं किया जाएगा।
केंद्रीय योजनाओं के लाभ से जनता अवगत कराना
बीजेपी जनता के बीच जाकर केंद्र सरकार की ओर से जारी कल्याणकारी योजनाओं से भी जनता को अवगत करा रही है। भाजपा उन योजनाओं के प्रचार पर पूरा जोर दे रही है जो केंद्र ने देशभर में लागू कर रखीं हैं लेकिन केजरीवाल की सरकार ने जिन पर रोक लगा रखी है, जिस कारण केंद्र की योजनाओं के लाभ से जनता वंचित है। इसमें आयुष्मान भारत योजना, पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन जैसी योजनाएं शामिल हैं।
वोटरों को टार्गेट कर योजनाएं बनाना
बीजेपी ने दिल्ली चुनावों के लिए वोटरों के टार्गेट कर योजना बनाना शुरू किया है, शायद यही कारण है कि बीजेपी पूर्वांचलियों के अपमान के मुद्दे को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती। अरविंद केजरीवाल के फर्जी वोटर वाले बयान पर पूरी बीजेपी उन पर हमलावर है और र्वांचलियों के अपमान बताकर जोर-शोर से उठा रही है। हो सकता है ये मुद्दा पीएम मोदी की आगामी चुनावी रैली में भी सुनने के मिले।
सोशल मीडिया पर सक्रियता
बीजेपी दिल्ली चुनाव के लिए सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव नजर आ रही है। हर रोज सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ नए-नए पोस्टर, आम आदमी पार्टी के नेताओं की ओर से दिए गए बयानों को सोशल मीडिया पर साझा कर जनता के बीच पहुंचाया जा रहा है। केजरीवाल तो सनातन विरोधी, हिंदू विरोधी, पूर्वांचल विरोधी जैसे शब्दों से घेरा जा रहा है।
बहरहाल, दिल्ली चुनाव में बीजेपी की ये रणनीति कितनी सफल साबित होगी ये तो 8 फरवरी को ही मालूम होगा लेकिन इस बाद आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली का दंगल आसान नहीं रहने वाला ये तो निश्चित है। एक तरफ भाजपा तो दूसरी तरफ कांग्रेस आप को उखाड़ फैंकने की जुगत में है। 10 सालों के लगातार सत्ता में होने के कारण आम आदमी पार्टी को सत्ता विरोधी लहर का सामना भी करना पड़ सकता है।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 10 January 2025 at 19:40 IST