अपडेटेड 7 October 2024 at 13:23 IST
महाराष्ट्र: शिंदे गुट को झटका, दीपेश म्हात्रे समेत 7 पूर्व पार्षदों ने थामा उद्धव ठाकरे का हाथ
इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज का दिन शिवसेना के इतिहास में मील का एक महत्वपूर्ण पत्थर है। हम डोंबिवली के निवासियों की मजबूत आवाज बनने के लिए एक साथ आएंगे।
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Maharashtra News: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना नेता एवं कल्याण डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) की स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष दीपेश पुंडलिक म्हात्रे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) में शामिल हो गए।
युवा सेना के पदाधिकारी पूर्व पार्षद म्हात्रे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी छोड़ दी और रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे की उपस्थिति में अपने समर्थकों के साथ शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) में शामिल हो गए। म्हात्रे के साथ केडीएमसी के छह अन्य पूर्व पार्षद भी ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हुए। कल्याण और डोंबिवली ठाणे जिले का हिस्सा हैं, जो मुख्यमंत्री शिंदे का राजनीतिक गढ़ है।
उद्धव ठाकरे ने किया पार्टी में स्वागत
मुंबई में ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ में आयोजित एक कार्यक्रम में सभी का शिवसेना (यूबीटी) में स्वागत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आज का दिन शिवसेना के इतिहास में मील का एक महत्वपूर्ण पत्थर है। हम डोंबिवली के निवासियों की मजबूत आवाज बनने के लिए एक साथ आएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र को युवा, गतिशील नेताओं की जरूरत है जो राज्य के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए नए दृष्टिकोण और अभिनव समाधान ला सकें। महाराष्ट्र हमेशा से ही अपने युवा मन की भावना के साथ आगे बढ़ा है।’’
उन्होंने कहा कि शहर को ऐसे नेताओं की जरूरत है जो न केवल दूरदर्शी हों, बल्कि कार्योन्मुखी भी हों, जो शिक्षा, रोजगार और सतत विकास से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए तैयार हों। ठाकरे ने कहा, ‘‘समय आ गया है कि युवा आगे आएं और महाराष्ट्र के भाग्य को आकार देने में अपना योगदान दें।’’
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‘उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में काम करना गर्व की बात’
इस अवसर पर दीपेश म्हात्रे ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में काम करना उनके और उनके समर्थकों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा, ‘‘हम शिवसेना (ठाकरे की पार्टी) की विचारधारा में विश्वास करते हैं और अधिक सक्रियता से काम करेंगे। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं डोंबिवली का गौरव उसे फिर से दिलाऊंगा।’’
अगले महीने 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए चुनाव होने की संभावना है। जून 2022 में शिंदे और कई अन्य विधायकों ने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दिया, जिससे पार्टी में विभाजन हो गया और ठाकरे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार गिर गई। बाद में शिंदे ने सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिला लिया।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 7 October 2024 at 13:23 IST