अपडेटेड 15 April 2025 at 22:25 IST
सोनिया-राहुल के खिलाफ ED के एक्शन को CONG ने बताया राजनीतिक प्रतिशोध, BJP बोली- दावे खोखले, आधारहीन और दुर्भावना से प्रेरित
नेशनल हेराल्ड केस में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी ने चार्जशीट फाइल कर दी है।
- भारत
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नेशनल हेराल्ड केस में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी ने चार्जशीट फाइल कर दी है। बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की कार्रवाई पर कहा कि नेशनल हेराल्ड केस में ईडी द्वारा सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम चार्जशीट में आया था। कांग्रेस को ध्यान रखना चाहिए, इस विषय की शुरुआत 2012 में हुई थी, जनहित याचिका द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2013 में इस केस की शुरुआत की थी। ये मामला तब दर्ज हुआ था, जब पीएम मोदी की सरकार आई भी नहीं थी।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस का इस पर राजनीति करने का आधार नहीं बनता है। ये भारत के इतिहास का विचित्र मामला है, एक कंपनी 90 करोड़ की देनदारी में बिक गई, जिसके पास हजारों करोड़ की संपत्ति थी। इसमें 76 प्रतिशत शेयर सिर्फ राहुल और सोनिया गांधी के पास हैं। बाद में तय किया कि प्रकाशन बंद हो जाएगा और प्रॉपर्टी के बिजनेस में काम करेंगे।
कांग्रेस के दावे बहुत खोखले, आधारहीन और दुर्भावना से प्रेरित- सुधांशु त्रिवेदी
बीजेपी सांसद ने कहा कि कांग्रेस के पांच-छह दशक सत्ता में रहने के बावजूद नेहरू द्वारा स्थापित तीनों अखबार घाटे में कैसे चले गए कि वो बंद हो गए। अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिन्दी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज के भी आपको ग्राहक नहीं मिल रहे थे ? क्या कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी सहयोग नहीं किया? कांग्रेस के दावे बहुत खोखले, आधारहीन और दुर्भावना से प्रेरित हैं। कांग्रेस के दावे जांच की प्रक्रिया को प्रभावित करने के विचार से प्रेरित हैं।
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मामला राजनीतिक प्रतिशोध से अधिक कुछ भी नहीं- सिंघवी
वहीं मामले पर कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस मामले में सभी पहलुओं पर पूरी तरह से बहस की जाएगी। मुझे लगता है कि सरकार ऐसे मामलों से खुद को और अपने राजनीतिक प्रतिशोध के अभियान को उजागर कर रही है, क्योंकि इस मामले में कानूनी दृष्टि से कुछ भी नहीं है। जैसा कि कई साल पहले कहा गया था जब यह मामला शुरू हुआ था, नेशनल हेराल्ड मामला एक ऐसा अजूबा है जिसमें इस सरकार ने बिना किसी पैसे के लेन-देन, संपत्ति के लेन-देन या किसी ऐसी गतिविधि के जो किसी हस्तांतरण का कारण बनी हो, मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी है।
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मामले के सभी पहलुओं को जांच रहे हैं- सिंघवी
नेशनल हेराल्ड के मामलों को प्रबंधित करने के लिए केवल एक गैर-लाभकारी कंपनी बनाई गई थी, जहां कोई लाभांश नहीं दिया जा सकता है, कोई वाणिज्यिक लेनदेन नहीं होता है और श्रीमती सोनिया गांधी जी, गांधी परिवार के अन्य सदस्यों या स्वर्गीय मोतीलाल वोरा के साथ उस कंपनी के निर्माण को मनी लॉन्ड्रिंग का कार्य माना गया है। अब एक फर्जी मामले में, एक गैर-मौजूद मामले में चार्जशीट दायर करने के अलावा और कुछ नहीं है। लेकिन, वैसे भी, इसका विरोध किया जा रहा है। इसका सभी पहलुओं पर पूरी तरह से विरोध किया जाएगा।
इससे पहले, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित इस संबंध में सभी बयान दर्ज किए गए हैं। मेरा मानना है कि इस तरह के मामलों से सरकार केवल खुद को और अपने राजनीतिक प्रतिशोध के अभियान को उजागर कर रही है, क्योंकि इस मामले में कानूनी दृष्टि से कुछ भी नहीं है।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 15 April 2025 at 22:24 IST