Published 20:19 IST, September 7th 2024
अफजल पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर बरपा हंगामा, मनोज तिवारी बोले- कोर्ट का अवमानना है, SC ले संज्ञान
अफजल गुरु को लेकर उमर अब्दुल्ला के बयान पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी का गुस्सा फूटा। उन्होंने कहा कि आतंकी का पक्ष लेना देशविरोधी और SC के फैसले के खिलाफ है।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो चुका है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के सियासी गलियारों की हलचल भी काफी तेज हो गई है। चुनावी शोर के बीच राजनीतिक दलों की ओर से बयानबाजी का सिलसिला भी जारी है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को जमकर घेरा।
एक न्यूज एजेंसी के साथ इंटरव्यू के दौरान NC नेता अब्दुल्ला ने पार्लियामेंट अटैक के दोषी अफजल गुरु की फांसी को गलत बताया। इसे लेकर भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कहा कि उमर अब्दुल्ला ने ऐसी टिप्पणी की है जो ना केवल देश विरोधी है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भी है।
दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा, "उमर अब्दुल्ला का यह बयान सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सीधी चुनौती है। अफजल को इसलिए फांसी दी गई क्योंकि उसने संसद पर हमले की योजना बनाई थी। आतंकवादी संसद में घुसने में सफल नहीं हो पाए लेकिन हमारे करीब एक दर्जन सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई। उमर अब्दुल्ला का आतंकवादी का पक्ष लेना सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है।"
बीजेपी नेता ने की कार्रवाई की मांग
बीजेपी सांसद ने कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, "सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि ये लोग सीएम की कुर्सी पर भी रह चुके हैं और देश विरोधी और सुप्रीम कोर्ट विरोधी बयान दे रहे हैं। क्या इसी वजह से राहुल गांधी उमर अब्दुल्ला की पार्टी के साथ समझौता कर चुके हैं?"
अफजल गुरु क्या बोले उमर अब्दुल्ला?
उमर अब्दुल्ला ने अफजल गुरु की फांसी के विरोध में कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उसे (अफजल गुरु) को फांसी देने से कोई उद्देश्य पूरा हुआ। अब्दुल्ला ने कहा, "दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि जम्मू-कश्मीर सरकार का अफजल गुरु की फांसी से कोई लेना-देना नहीं था। आपको राज्य सरकार की अनुमति से ऐसा करना पड़ता, जिसके बारे में मैं आपको स्पष्ट शब्दों में बता सकता हूं कि ऐसा नहीं होता। हम ऐसा नहीं करते। मुझे नहीं लगता कि उसे फांसी देने से कोई उद्देश्य पूरा हुआ।"
जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में होगा चुनाव
बता दें, जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। वहीं वोटों की काउंटिंग 8 अक्टूबर को की जाएगी। ध्यान देने वाली बात ये है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में ये पहला विधानसभा चुनाव है। उमर अब्दुल्ला दो निर्वाचन क्षेत्रों - गंदेरबल और बडगाम से चुनावी मैदान में उतरेंगे।
Updated 20:43 IST, September 7th 2024