अपडेटेड 15 July 2024 at 20:30 IST

आय से अधिक मामले में डीके शिवकुमार को SC से लगा झटका, तो BJP ने यूं घेरा,कहा- विक्टिम कार्ड खेलना...

शहजाद पूनावाला ने कहा कि विपक्ष जांच एजेंसियों के खिलाफ निराधार आरोप लगाता हैं। इन दलों को ‘पीड़ित कार्ड’ खेलना बंद कर देना चाहिए।

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बीजेपी नेताओं ने साधा निशाना | Image: PTI, X

BJP on DK Shivakumar Case: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार को उच्चतम न्यायालय से झटका मिलने के बाद सोमवार को विपक्षी दलों पर निशाना साधा और कहा कि विपक्ष में बैठने भर से किसी को भी भ्रष्टाचार के मामलों और उसके बाद की कार्रवाई से छूट नहीं मिल जाती।

पार्टी ने यह भी कहा कि शिवकुमार की सीबीआई की प्राथमिकी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करना कांग्रेस के लिए ‘बड़ा झटका’ है।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

ज्ञात हो कि उच्चतम न्यायालय ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी को चुनौती देने वाली शिवकुमार की याचिका सोमवार को खारिज कर दी।शीर्ष अदालत शिवकुमार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने उच्च न्यायालय के 19 अक्टूबर 2023 के आदेश को चुनौती दी है। इस आदेश में उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

CBI का क्या है आरोप?

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि शिवकुमार ने 2013 से 2018 के बीच आय के अपने ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की। वह उस दौरान अर्जित की गयी जब कांग्रेस नेता कांग्रेस सरकार में मंत्री थे। सीबीआई ने तीन सितंबर 2020 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी। शिवकुमार ने 2021 में उच्च न्यायालय में प्राथमिकी को चुनौती दी थी।

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शहजाद पूनावाला ने यूं साधा निशाना

शीर्ष अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, ‘‘भ्रष्ट कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। कांग्रेस का मतलब है ‘आई नीड करप्शन’ (आईएनसी) ना कि इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी)।’’ उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तथा आम आदमी पार्टी (आप) समेत विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य सदस्य सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य जांच एजेंसियों के खिलाफ निराधार आरोप लगाते हैं। पूनावाला ने कहा कि इन दलों को ‘पीड़ित कार्ड’ खेलना बंद कर देना चाहिए।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘डी के शिवकुमार की याचिका खारिज कर दी गई है। क्या वह उच्चतम न्यायालय को दोष देंगे? क्या वह कहेंगे कि लोकतंत्र खतरे में है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब उच्चतम न्यायालय अनुकूल फैसला देता है तो वे कहते हैं कि न्यायपालिका ठीक और निष्पक्ष है, अन्यथा वे देश की संस्थाओं को गाली देना शुरू कर देते हैं। अब उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वह सीबीआई के आय से अधिक संपत्ति के मामले (कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री के खिलाफ) को रद्द नहीं करेगा।’’

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अमित मालवीय ने भी घेरा

भाजपा के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के भ्रष्टाचार के आरोपी कई नेता जमानत पर बाहर हैं और उन्हें अदालतों से कोई राहत नहीं मिल रही है।

संबंधित फैसले की एक रिपोर्ट ‘एक्स’ पर साझा करते हुए मालवीय ने कहा कि ‘भ्रष्ट इंडी’ गठबंधन के नेता, चाहे वह ममता बनर्जी के भतीजे हों या लालू प्रसाद और परिवार, ‘केजरीवाल एंड कंपनी’ हो, केसीआर के नाम से लोकप्रिय तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता या फिर सोनिया और राहुल गांधी हों, जो वर्तमान में नेशनल हेराल्ड घोटाले में जमानत पर हैं, अदालतों से इन्हें कोई राहत नहीं मिली है।

उन्होंने कहा, ‘‘एजेंसियों पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाना आसान है, लेकिन विपक्ष में बैठने से किसी को भी भ्रष्टाचार के मामलों और उसके बाद की कार्रवाई से छूट नहीं मिल जाती...।’’ 

मालवीय ने कहा कि यदि विपक्ष को लगता है कि कोई भ्रष्ट है और उसे सत्ता पक्ष का संरक्षण मिल रहा है तो उसे न्यायालय जाकर कार्रवाई की मांग करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष में रहते हुए राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने अदालत से हस्तक्षेप की मांग की और कोयला, 2जी, नेशनल हेराल्ड घोटालों सहित अन्य मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई।’’

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 15 July 2024 at 20:30 IST