अपडेटेड 17 August 2024 at 15:10 IST
बिहार में पुल टूटने पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी बोले- 'यह कोई राजनीतिक षड्यंत्र तो नहीं...'
बिहार में पुलों के गिरने का सिलसिला जारी है। शवनिवार को भागलपुर में एक निर्माणाधीन पुल गिर गया, जिसे लेकर जीतन राम मांझी का बयान सामने आया है।
- भारत
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बिहार में धड़ाधड़ पुलों के गिरने का सिलसिला जारी है। हालिया दिनों में पुल गिरने की घटनाओं ने और तेजी पकड़ी है। इस बीच 17 अगस्त, शनिवार को भागलपुर और खगड़िया को जोड़ने वाला निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गंगा नदी में बह गया। हैरानी की बात ये है कि इसी पुल के ढहने की ये तीसरी घटना है। 30 महीने में तीसरी बार इस पुल का एक और हिस्सा गिरा है। इसे लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि कहीं ये राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा तो नहीं इसकी जांच हो।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, "क्या कमी है जिस कारण से लगातार ब्रिज टूट रहे हैं, ज़रूर कहीं न कहीं इसकी संरचना में कमज़ोरी होगी, इसकी जांच होनी चाहिए और जो इसके लिए जवाबदेह हैं उन्हें दंडित करना चाहिए। एक और बात जो मैंने पहले भी कही थी आखिर इस साल ही सभी पुल क्यों टूट रहे हैं, क्या यह कोई राजनीतिक षडयंत्र तो नहीं, इसकी भी जांच होनी चाहिए।"
पिछली बार बह गए थे 4-5 खंभे
अगुवानी और सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी में पिलर संख्या 9 और 10 के बीच की घटना है। स्लैब के सेगमेंट के लिए बना स्ट्रक्चर ध्वस्त हुआ है। पिछले एक महीने से निर्माण कार्य बढ़ते जलस्तर के कारण बाधित था। लेकिन इस बीच लगातार गंगा नदी में जलस्तर ज्यादा बढ़ जाने के कारण दवाब में स्लैब का आयरन स्ट्रक्चर नदी में गिरा। भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहे अगुवानी-सुल्तानगंज पुल का एक स्लैब सुबह करीब 8 बजे गिर गया। हालांकि गनीमत है कि इसमें किसी तरह का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। पिछले साल इस पुल के चार-पांच खंभे ढह गए थे, जिससे पूरा हिस्सा नदी में समा गया था।
1700 करोड़ की लागत से बनना था पुल
1700 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत के इस पुल का शिलान्यास 2014 में हुआ था, जो अब तक बनकर तैयार नहीं हो पाया। हालांकि ये घटना एक बार फिर बिहार सरकार पर सवालिया निशान लगाती है। हाल ही में सीवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज समेत कई जिलों में पुल ढहने की खबरें आईं। जिस तरह पिछले कुछ महीनों में राज्य में कई पुल ढह गए हैं, इससे निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। इसमें भ्रष्टाचार के आरोप भी लग रहे हैं।
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350 से अधिक छोटे पुल और पुलिया खराब स्थिति में
इसको भी समझना होगा कि राज्य में 350 से अधिक छोटे पुल और पुलिया ऐसे हैं, जहां तत्काल मरम्मत की जरूरत है। इसका दावा राज्य सरकार के अधिकारी खुद करते हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने इस मुद्दे को शुक्रवार को ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक में भी उठाया था, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 17 August 2024 at 15:10 IST