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अपडेटेड 1 July 2025 at 13:50 IST

'गोल गुंबज का मालिक अब ASI बन गया है', वक्फ कानून को लेकर फिर भड़के ओवैसी, कांवड़ यात्रा पर कही बड़ी बात

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार और उसके घटक दलों पर वक्फ संपत्तियों और उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान की जा रही सख्ती को लेकर तीखा हमला बोला है।

Reported by: Rupam Kumari
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AIMIM Chief Asaduddin Owaisi
AIMIM Chief Asaduddin Owaisi | Image: ANI

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ कानून पर एक बार फिर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस कानून के खिलाफ विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक इसे वापस नहीं ले लिया जाए। आंध्र प्रदेश के कुरनूल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि वक्फ कानून को मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों को 'छीनने' का हथियार बनाया जा रहा है।


ओवैसी ने वक्फ कानून को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है और कहा कि वो इस कानून को हथियार बनाकर  मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों पर कब्जा करेंगे। AIMIM चीफ ने कहा,आपको समझाने के लिए बता दूं कि वक्फ कानून कुछ ऐसा बनाया गया है कि मिसाल के तौर पर यहां कुरनूल में गोल गुंबज की दरगाह है, जबस यह कानून बना है, वक्फ बोर्ड उसका मालिक नहीं है, ASI उसका मालिक बन चुका है।


शरीयत और मस्जिद पर कोई समझौता नहीं-ओवैसी

AIMIM प्रमुख ने खासतौर पर NDA के सहयोगी दलों को निशाने पर लिया। उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू और जनसेना पार्टी के नेता पवन कल्याण को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये नेता सत्ता की भूख में सांप्रदायिक ताकतों के साथ खड़े हैं और अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर खामोश हैं।ओवैसी ने आगे कहा, जब आपकी और मेरी पहचान मस्जिद से है, हो सकता है कि हम अलग-अलग पार्टी में हों, मगर जब बात शरीयत की, मस्जिद की आती है, तो मैं आपसे अपील करता हूं कि आप बेखौफ होकर टीडीपी को छोड़ दीजिए और पैगाम दीजिए कि आप कभी भी संविधान पर, शरीयत पर और मस्जिद पर कोई समझौता नहीं करेंगे।

कांवड़ यात्रा पर कही बड़ी बात

ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान की जा रही सख्ती को लेकर भी केंद्र सरकार और NDA के सहयोगी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने मुजफ्फरनगर का एक उदाहरण देते हुए कहा, 'मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा शुरू हुई है। वहां पर संघ परिवार के लोग एक दुकान पर गए और दुकान वाले का नाम पूछा। दुकान वाले ने कहा कि नाम से क्या मतलब, तो उसका आधार कार्ड मांगा। आधार कार्ड नहीं था। उससे पूछा कि तुम्हारी दुकान का नाम ये क्यों है, तो उसने कहा कि ये मेरी मर्जी है। तो उसके साथ गाली-गलौज की गई। 

बाद में मालूम हुआ कि जिसको गुस्सा कर रहे थे, गाली दे रहे थे, उसका नाम गोपाल है। अब देखिए इस मुल्क में इस तरह की नफरत फैलाई जा रही है।' उन्होंने आरोप लगाया कि धार्मिक आयोजनों में दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं, जिससे समाज में विभाजन की भावना पैदा हो रही है। 

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पब्लिश्ड 1 July 2025 at 13:50 IST